नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को 31 अक्टूबर को ही राज्य से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था और अब देश की दो यूनियन टेरिटरीज को मिलाने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को देश के पश्चिमी हिस्से में बसे दमन-दीव और दादर-नगर हवेली को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने का विधेयक लोकभा में पेश किया। संसद के दोनों सदनों से इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अस्तित्व में आने वाले नए केंद्र शासित प्रदेश का नाम दादर और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव होगा।
दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के मिलाकर एक करने का यह बिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने पेश किया। केंद्र सरकार का कहना है कि देश के पश्चिमी तट पर बसे इन दोनों द्वीपों को एक किए जाने से प्रशासन बेहतर हो सकेगा। दोनों द्वीपों के बीच महज 35 किलोमीटर की ही दूरी है, लेकिन दोनों का अलग-अलग बजट तैयार होता है। दमन और दीव में दो जिले हैं, जबकि दादर नगर हवेली में एक जिला है।
दोनों के एक केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इसकी दो लोकसभा सीटें होंगी। बॉम्बे हाई कोर्ट पहले की तरह ही यहां के विधिक मामले देखेगा। इसके अलावा दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी यहां के कैडर में आएंगे। अन्य सभी कर्मचारी भी संयुक्त केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा होंगे।
जम्मू-कश्मीर को राज्य से दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद देश में 9 केंद्र शासित प्रदेश और 28 राज्य थे। अब केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या घटकर 8 रह जाएगी।
इनके इतिहास की बात करें तो दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में लंबे दौर तक पुर्तगालियों का शासन था। दिसंबर, 1961 में दमन दीव पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ था। इसके बाद 1987 तक दमन दीव गोवा केंद्र शासित का हिस्सा थे, लेकिन फिर गोवा के पूर्ण राज्य बनने पर यह अलग हो गया। दादर नगर हवेली की बात करें तो यह दो अगस्त, 1954 को आजाद हुआ था। इके बाद 1961 में यह भारत में शामिल हुआ था।