प्रतापगढ़– सामाजिक समरसता और राजनीतिक सक्रियता पूरे प्रदेश में मशहूर प्रतापगढ़ में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मानवता को शर्मशार कर दिया है। जी हाँ रुपयों की लालच में एक महिला ने अपनी बहू की कोख में पल रही मासूम बच्ची का सौदा कर डाला। गर्भवती बहू के पल गर्भ रही मासूम का सौदा एक व्यापारी से पचास हजार रूपयों में कर लिया गया।
दरअसल प्रसूता बहू को जुड़वा बेटियां पैदा हुईं तो पैसे देने वाला व्यापारी पहले कार्यक्रम के अनुसार उनमे से एक बच्ची को लेने अस्पताल पहुँच गया तब जाकर ये मामला सामने आया और बच्चियों को जन्म देने वाली माँ को जब इसकी जानकारी लगी ! उसने अपनी बच्ची को देने से इंकार करते हुए हंगामा कर दिया और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुई है।
प्रतापगढ़ के कंधई थाना क्षेत्र के दिलीपपुर निवासी द्वारिका ने अपनी बहन कंचन की शादी नगर कोतवाली क्षेत्र के हादीगंज निवासी प्रदीप के साथ की थी। प्रदीप घर के पास ही चाय की दूकान चलाता है। इस बीच कंचन गर्भवती हुई तो उसकी सास ने जांच कराई तो जाँच में पता चला कि उसके पेट में दो बच्चियां पल रही हैं। यह बात सास को बेहद नागवार लगी। इसी बीच बाबागंज के एक किराना व्यवसायी जो की उसके घर जाता था उसको जब इस बात की जानकारी हुई तो उसने कंचन की सास से जन्म लेने के बाद एक बच्ची की मांग की।
यही नहीं उसने उसके बदले मुंहमांगी रकम देने की बात कही। पैसों की लालच में आयीकंचन की सास ने कंचन से चुपके उसके गर्भ में पल रहे नवजात का सौदा कर डाला। और बतौर पेशगी पैसा भी ले लिया। कंचन को दो दिन पूर्व प्रसव पीड़ा हुई तो उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहा डाकटरों ने उसकी गंभीर हालत देखते इलाहबाद रेफेर कर दिया। वहां चकित्सालय में कंचन ने एक जुड़वा बेटियों को जन्म दिया। वहां इलाज में खर्च हुए पचास हजार रुपये का भुगतान उसी व्यापारी ने किया !
इसके बाद वह कंचन से उसकी एक बेटी की मांग करने लगा तो कंचन आवाक रह गयी उसने अपनी बच्ची को देने से इंकार करते हुए इलाहाबाद के उस निजी चिकित्सालय से वापस आकर फिर से जिला चिकित्सालय में भर्ती हो गयी।
लेकिन वह व्यापारी यहाँ भी आकर उससे उसकी एक बेटी की मांग करने लगा। इस पर कंचन ने अपनी सास एवं उस व्यापारी के खिलाफ पुलिस से शिकायत की।
इसे ह्यूमन ट्रैफिकिंग कहें या फिर कुछ और लेकिन मामला बेहद संगीन है। फिलहाल पुलिस जांच में लगी हुई है अब देखना यह है की इस गंभीर मामले में पुलिस आरोपियों सजा देती है या फिर हमेशा की तरह दबाव बनाकर एक कमजोर बेसहारा की आवाज पैसों के बोझ से दबा दी जाती है। यह आने वाला समय ही बताएगा। रिपोर्ट- @ हर्ष मिश्रा