28.4 C
Indore
Wednesday, April 24, 2024

फिर आपातकाल की दस्तक?

Then knock of emergency
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जो देश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सत्ता का संचालन कर रही है,सत्ता में आने से पूर्व अपना बखान कुछ इन शब्दों में किया करती थी। जैसे पार्टी के नेता अपने दल को ‘पार्टी विद डिफरेंस’ अर्थात् अन्य राजनैतिक दलों से अलग सोच-विचार रखने वाली पार्टी बताया करते थे। यह कहा करते थे कि हमें स्वराज तो मिल गया अब हमें सुराज चाहिए। पार्टी के नेतागण देश से भय,भूख और भ्रष्टाचार समाप्त करने का वादा किया करते थे। और 2014 के लोकसभा चुनाव में तो पार्टी ने ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ का सपना देश की जनता को दिखाया ही साथ-साथ चुनाव की मार्किटिंग करने वाले विशेषज्ञों से ऐसे आकर्षक नारे भी गढ़वाए गए जिन्होंने पार्टी को भारी जीत दिलाने में अपना अच्छा-$खासा योगदान दिया। लोक लुभावने वादों की इंतेहा तो तब हो गई जब स्वयं नरेंद्र मोदी ने लोगों को यह आश्वासन दिया कि काला धन देश में वापस आएगा तो प्रत्येक देशवासी को पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये मिल सकेंगे। गोया सपनों का एक ऐसा सब्ज़बाग सजाकर जनता के सामने पेश किया गया कि उसे यह महसूस हुआ कि वास्तव में भाजपा के रूप में ‘अनुशासित’,ईमानदार,देशभक्त तथा लोकहितकारी सोच रखने वाले राजनैतिक दल के सत्ता में आने से संभव है कि भारतवासियों का कल्याण हो जाए। और इसी उम्मीद के साथ मंहगाई तथा भ्रष्टाचार का सामना कर रही कांग्रेस के नेतृत्व में चलने वाली यूपीए सरकार को भारतीय मतदाताओं ने सिंहासन से उतार फेंका और देश की बागडोर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के हाथों में सौंप दी।

आज मोदी सरकार के गठन के 21 माह गुज़र चुके हैं। इस दौरान देश में मंहगाई और भ्रष्टाचार में कितनी कमी आई है यह पूरा देश देख रहा है। इन 21 महीनों के दौरान देश में कितने किसानों ने आत्महत्याएं कीं यह भी सबके सामने है। एक भारतीय सैनिक के सिर $कलम करने के बदले में पड़ोसी देश पाकिस्तान के सैनिकों के दस सिर $कलम करने की बात चुनाव पूर्व कहने वाली पार्टी के सत्ता में आने के बाद पड़ोसी देश का दु:स्साहस कितना बढ़ गया है यह भी सबके सामने है। सीमा पर आए दिन घुसपैठ तथा हमारे सैनिकों के शहीद होने का सिलसिला जारी है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की नातिन की शादी में शिरकत करने तथा नवाज़ शरीफ की सालगिरह पर बधाई देने बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के पाकिस्तान पहुंचकर उनकी मेहमान नवाज़ी का लुत्फ उठा रहे हैं। और इन सबके अतिरिक्त देश में भय,तनाव, असहिष्णुता तथा आक्रमकता का जो वातावरण दिन-प्रतिदिन बनता और बढ़ता जा रहा है वह भी पूरे दिश के लिए बेहद चिंता का विषय है। कुछ समीक्षक तो अपना ऐसा मत भी व्यक्त करने लगे हैं कि वर्तमान वातावरण तो आपातकाल जैसा वातावरण प्रतीत होने लगा है। देश में गत् 21 महीनों में ऐसे कई लेखकों,समाजसेवियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं हुई हैं जिन्हें देखकर ऐसा महसूस होने लगा है गोया देश के किसी नागरिक को अपनी सोच और  अपनी बात अपने शब्दों में,अपने तरी$के से व्यक्त करता है तो उसे या तो जान से हाथ होना पड़ता है या जान से मारने की धमकी दी जाती है या फिर विभिन्न माध्यमों से उसे डराने-धमकाने,भयभीत करने या गाली-गलौच कर उसे अपमानित करने का कार्य किया जाता है।

उदाहरण के तौर पर पिछले दिनों देश के सबसे प्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय जेएनयू में छात्रों के एक प्रदर्शन के बाद छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि उनकी गिर$फ्तारी से पूर्व वहां के कुछ छात्रों ने कश्मीर की आज़ादी के समर्थन में तथा भारत विरोधी नारे लगाए थे। इस घटना के बाद कन्हैया कुमार ने छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए ऐसी किसी भी घटना की निंदा की थी और किसी भी राष्ट्रविरोधी घटना से स्वयं को व विश्वविद्यालय के छात्रों को अलग बताया था। इसके बावजूद दिल्ली पुलिस जोकि केंद्र सरकार के अधीन काम करती है,ने कन्हैया कुमार को न केवल गिर$फ्तार किया बल्कि उसे राष्ट्रदा्रेही तक ठहरा दिया। परिणामस्वरूप कन्हैया कुमार की गिर$फ्तारी के विरोध में न केवल जेएनयू के समस्त शिक्षकों ने एकमत होकर विश्वविद्यालय में हड़ताल की घोषणा की बल्कि देश के दूसरे पच्चीस केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने भी जेएनयू के शिक्षकों के समर्थन में व कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में उनके साथ आने का फैसला किया। सत्तारुढ़ दल के लोग न केवल कन्हैया कुमार को बल्कि पूरे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को ही राष्ट्रविरोधी और राष्ट्रद्रोही जैसे प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या अब यह भी मान लिया जाए कि कन्हैया कुमार व जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आए दूसरे विश्वविद्यालयों के शिक्षकगण भी भाजपा की सोच व परिभाषा के अनुसार राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रविरोधी ही हैं?

इसके पश्चात कन्हैया कुमार की जिस दिन दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में पेशी हुई उस समय अदालत के भीतर मौजूद पत्रकारों तथा कई सामाजिक कार्यकर्ताओं व कन्हैया कुमार के समर्थकों को वहां मौजूद उग्र भीड़ द्वारा पीटा गया। उनपर जूते,लातें व घंूसे बरसाए गए। कई महिला पत्रकारों को भी अपमानित किया गया। इस आक्रमणकारी भीड़ में भारतीय जनता पार्टी का दिल्ली का एक विधायक भी शामिल था। इस विधायक ने तो अपनी आक्रमकता तथा हिंसा को जायज़ ठहराते हुए यहां तक कहा कि यदि मेरे हाथ में बंदूक़ होती तो मैं इनको गोली भी मार देता। यहां यह एक अलग बहस है कि भीड़ में मौजूद लोग राष्ट्रविरोधी नारे लगा भी रहे थे या नहीं परंतु इसी बहस के बीच में हस्तक्षेप करते हुए विधि विशेषज्ञ तथा देश के अटार्नी जनरल रह चुके सोली सोहराब जी ने तो यह भी कह दिया है कि भारत विरोधी नारे लगाने पर कानून के एतबार से राष्ठ्रद्रोह का आरोप ही नहीं बनता। परंतु यह तथाकथित स्वयंभू राष्ट्रवादी लोग अपने विचारों के अनुरूप राष्ट्रद्रोह की परिभाषा गढऩा चाह रहे है। यहां हालांकि इतिहास के उन पिछले पन्नों को भी पलटने की ज़रूरत नहीं है जिसमें इन स्वयंभू तथाकथित राष्ट्रभक्तों को आए दिन आईना दिखाया जाता रहता है। यानी आज़ादी की लड़ाई में इनकी क्या भूमिका रही, इनके किन-किन नेताओं ने अंग्रेज़ों के सामने कैसा-कैसा मा$फीनामा पेश किया, महात्मा गांधी के $खून के छींटे इन पर किस तरह पड़े, और तो और आज भी हुर्रियत कां$फें्रस के प्रति हमदर्दी रखने वाली और अ$फज़ल गुरु को शहीद बताने वाली पीडीपी के साथ किस प्रकार सत्ता की भूख मिटाने के लिए और कश्मीर में अपनी जड़ें गहरी करने के लिए पीडीपी से गठबंधन किया गया? यही नहीं बल्कि भारतीय संविधान को जलाने वाले नेताओं के साथ किस प्रकार गठबंधन सरकार इनके द्वारा चलाई जा रही है यह भी पूरा देश देखता आ रहा है।

परंतु दुर्भाग्य की बात है कि आज यही दक्षिणपंथी शक्तियां जिनकी राष्ट्रभक्ति व जिनकी राष्ट्रवादिता स्वयं पूरी तरह संदिग्ध है वही ता$कतें देश के लोगों को राष्ट्रभक्ति का प्रमाणपत्र बांटती फिर रही हैं? सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए समाज में विभिन्न स्तरों पर विघटन के जो दुष्प्रयास किए जा रहे हैं तथा तानाशाही, ज़ोर-ज़बरदस्ती व धक्केशाही का जो नमूना आए दिन कहीं न कहीं पेश किया जा रहा है वह 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपाताकाल से भी कहीं ज़्यादा भयावह है। क्योंकि आपातकाल में तो इंदिरा गांधी ने विपक्षी नेताओं को $कैद किया था तथा प्रेस पर सेंसरशिप लागू की थी। परंतु वर्तमान अघोषित आपातकाल की स्थिति में तो समाज में अलग-अलग प्रकार के धार्मिक व जाति आधारित विघटन होते दिखाई दे रहे हैं। धर्म-जाति व राजनैतिक दल के आधार पर राष्ट्रभक्त अथवा राष्ट्रद्रोही होने के प्रमाणपत्र वितरित किए जा रहे हैं। अल्पंसख्यक समुदाय, दलित वर्ग,धर्मनिरपेक्ष राजनैतिक संगठन सभी को एक ही डंडे से हांकने का प्रयास किया जा रहा है। मीडियाकर्मियों के साथ दुव्र्यवहार हो रहा है तथा छात्रों व शिक्षण संस्थाओं को बेवजह बदनाम किया जा रहा है। इस प्रकार की कोशिशें जहां एक बार फिर आपातकाल की दस्तक का एहसास करा रही हैं वहीं इन कोशिशों से यह भी सा$फ हो चुका है कि सत्तारुढ दल चूंकि चुनाव पूर्व किए गए अपने लोक लुभावने वादों को पूरा कर पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है इसलिए अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की गरज़ से तथा अपने लोक लुभावने वादों की ओर से आम जनता का ध्यान हटाने की खातिर देश को तथाकथित राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाने की कोशिश की जा रही है। और जिन धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के हाथों में सत्ता वापस चले जाने का भय इन्हें सता रहा है उन शक्तियों के मुंह पर राष्ट्रद्रोह या राष्ट्रविरोध की कालख ज़बरदस्ती पोतने की कोशिश की जा रही है। देश को ऐसे दुष्प्रयासों से बचने तथा इस राजनैतिक हथकंडे को बड़ी सूक्ष्मता से समझने की ज़रूरत है।

:-निर्मल रानी

nirmalaनिर्मल रानी 
1618/11, महावीर नगर,
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-09729-229728

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
135,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...