विलफुल डिफॉल्टर का मतलब उन कर्जदारों से होता है, जिन्होंने जिस काम के लिए बैंक से कर्ज लिया था, उसका उसमें इस्तेमाल नहीं किया है बल्कि किसी और काम के लिए उसका प्रयोग किया हो। इसके साथ ही इन लोगों के पास कर्ज चुकाने की रकम भी होती है, लेकिन उसके बाद भी ये लोग कर्ज का भुगतान नहीं करते हैं। अगर किसी शख्स ने कोई संपत्ति गिरवी रखकर बैंक से कर्ज लिया है और बैंक की जानकारी के बिना वह उस संपत्ति को बेच देता है तो उसे भी विलफुल डिफॉल्टर माना जाता है।
बैंक भारतीय स्टेट बैंक ( state bank of india ) ज्वैलरी और पावर सेक्टर की 10 बड़ी कंपनियों और उनके प्रमुख अधिकारियों के नामों का खुलासा किया है। जो विलफुल डिफॉल्टर है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि इन लोगों को विलफुल डिफॉल्टर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें शामिल होने वाली ज्यादातर कंपनियां मुंबई की है।
इन सभी लोगों ने जानबूझकर बैंक से लिए हुए लोन का भुगतान नहीं किया है। फिलहाल अब सरकार इन लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने का प्लान बना रही है।
रिपोर्ट्स ने अनुसार कि इन डिफॉल्टर्स इस समय कुल बकाया कर्ज 1,500 करोड़ रुपए है। इन लोगों को कर्ज का भुगतान करने के लिए बैंक ने बार-बार नोटिस भी दिया है। इसके बाद भी इन लोगों ने अपने कर्ज का भुगतान नहीं किया है। कुफे परेड स्थित स्ट्रेस्ड एसेट्स मैनेजमेंट ब्रांच-1 द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना के अनुसार, इन चूककर्ताओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य सेक्टरों की कंपनियां भी शामिल हैं।
डिफॉल्टर की लिस्ट में बड़ा नाम
डिफॉल्टर की लिस्ट में सबसे पहला नाम स्पैनको लिमिटेड है। इस कंपनी ने सबसे ज्यादा रकम का कर्ज लिया था, जिसका अबी तक भुगतान नहीं किया गया है। कंपनी के पास बकाया कर्ज की रकम 3,47,30, 46,322 रुपए है। कंपनी का दफ्तर सियोन स्थित गोदरेज कोलिसियम में है और इसके दो निदेशक कपिल पुरी और उनकी पत्नी कविता पुरी पास ही स्थित चेंबुर में रहते हैं।