नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती और मलयालम फिल्म एस दुर्गा को लेकर देशभर में हंगामा जारी है। लेकिन देश की अदालतें कला और कलाकारों के पक्ष में नजर आ रही है। एक तरफ, दिल्ली हाई कोर्ट ने पद्मावती को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है तो दूसरी तरफ केरल हाई कोर्ट ने भी फिल्म एस दुर्गा की IFFI में स्क्रीनिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें पद्मावती की रिलीज से पहले एक पैनल का गठन करके यह सुनिश्चित करने की मांग की गई थी कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। कोर्ट ने ऐसी याचिकाओं को निराशाजनक और गलत बताया है। केरल हाई कोर्ट ने भी मलयालम फिल्म एस दुर्गा को IFFI में दिखाने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि फिल्म के खिलाफ इस तरह की याचिकाएं उन लोगों को प्रोत्साहित करती हैं, जो इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरी शंकर की पीठ ने याचिका को निराशाजनक और गलत बताया है। पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा, ‘क्या आपने फिल्म देखी है? इस तरह की याचिकाओं के जरिए आप उन लोगों को सपॉर्ट कर रहे हैं जो प्रदर्शन करने में लगे हैं।
बेंच ने याचिकाकर्ता अखंड राष्ट्रवादी पार्टी से इस मामले में सेंसर बोर्ड से संपर्क करने को कहा। याचिका में कहा गया था कि दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म पद्मावती में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की जांच लिए एक कमिटी का गठन किया जाए और उसके बाद ही रिलीज की अनुमति मिले।
बता दें कि दो दिन पहले ही केरल हाई कोर्ट ने फिल्म एस दुर्गा की गोवा में चल रहे फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग को मंजूरी दे दी थी। इससे पहले केंद्र सरकार ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ फिर से एक याचिका दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।