दिग्विजय ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है उसे पायलट को भूल जाना चाहिए। वह वापस आयें और पार्टी के नेताओं के साथ बैठकर चर्चा करें कि कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जा सकता है।
राजस्थान में जारी सियासी संकट के लिए भाजपा को दोषी ठहराते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को सचिन पायलट से कहा कि वह देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी को न छोड़ें।
उन्होंने पायलट को नसीहत देने के अंदाज में कहा कि उनके लिए कांग्रेस में उज्जवल भविष्य है, इसलिए उन्हें पार्टी छोड़ भाजपा में गये पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का अनुकरण नहीं करना चाहिए।
दिग्विजय सिंह की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने के बाद उनके साथ 18 अन्य विधायकों बगावत कर दी है।
इसके कारण राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर खतरा मंडराने लगा है और कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा खरीद-फरोख्त के जरिए प्रदेश सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। इस बाबत सिंह ने कहा कि राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के पीछे भाजपा का हाथ है।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने पायलट को फोन लगाने का प्रयास किया, लेकिन मेरे कॉल एवं मेरे द्वारा भेजे गये संदेशों का वह जवाब नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उम्र आपके (पायलट) पक्ष में है। अशोक (गहलोत) ने भले ही आपको ठेस पहुंचाई हो, लेकिन ऐसे सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाता है। सिंधिया ने जो गलती की, वह आप न करें। भाजपा अविश्वसनीय है। किसी अन्य पार्टी से भाजपा में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को वहां सफलता नहीं मिली है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब पायलट ने मुझे जवाब नहीं दिया।
दिग्विजय ने कहा कि सचिन मेरे बेटे की तरह हैं। वह मेरा सम्मान करते हैं और मैं भी उन्हें पसंद करता हूं। मैंने उसे तीन-चार बार फोन किया और मैसेज भी किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। पहले वह तुरंत जवाब देते थे।
उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी होना अच्छा है। महत्वाकांक्षा के बिना कोई कैसे आगे बढ़ सकता है, लेकिन महत्वाकांक्षा के साथ-साथ किसी को भी अपने संगठन, विचारधारा और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए।
दिग्विजय ने कहा कि मैंने सुना है कि वह (पायलट) नई पार्टी का गठन कर सकते हैं, लेकिन इसकी क्या जरूरत है? क्या कांग्रेस ने उसे कुछ नहीं दिया? उनको 26 की उम्र में सांसद, 32 की उम्र में केंद्रीय मंत्री, 34 की उम्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और 38 की उम्र में उपमुख्यमंत्री बनाया गया। इसके अलावा, वह और क्या चाहते हैं? समय उनके पक्ष में है।
उन्होंने कहा कि अगर पायलट के पास कोई मुद्दा था तो फिर प्रदेश पार्टी इकाई के अध्यक्ष के रूप में उन्हें बैठक बुलानी चाहिए थी और इस मामले पर चर्चा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि गहलोत के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए पायलट कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे को बातचीत में शामिल कर सकते थे।
इसके अलावा दिग्विजय ने कहा कि अगर आपको अपने विधायकों पर विश्वास है, तो आपने उनमें से 18-19 को हरियाणा के मानेसर स्थित आईटीसी ग्रैंड होटल में कैद करके क्यों रखा है।
उन्होंने कहा कि यह वही होटल है जहां भाजपा ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के विधायकों (इन राज्यों में सियासी संकट के दौरान) को रखा था।
दिग्विजय ने कहा कि जो कुछ भी हुआ है उसे पायलट को भूल जाना चाहिए। वह वापस आयें और पार्टी के नेताओं के साथ बैठकर चर्चा करें कि कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जा सकता है।