राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा निर्वाचन आयोग के असहायपन पर दया आती है। एमपी में चुनाव कराना ही बंद कर देना चाहिए। कलेक्टर को अधिकृत कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री से सूची ले लें और उम्मीदवारों को घोषित कर दें।
मध्य प्रदेश में आज जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव था। लेकिन भोपाल का चुनाव सुर्खियों में आ गया। चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के दांव पेंच, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और मंत्री भूपेन्द्र सिंह की तकरार दिन भर चर्चा में रही। उसके बाद दिग्विजय सिंह की एक तस्वीर वायरल हो गयी।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी के हथकंडों पर दिग्विजय सिंह ने घोर आपत्ति जताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े किए।
उन्होंने कहा बीजेपी ने अपने कार्यकर्ताओं से टेंडर वोट करवाए। पूरे प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के दौरान की गयी एक भी शिकायत पर चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया।
पंचायत चुनाव खासतौर से भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में गड़बड़ियों को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े किए। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा निर्वाचन आयोग के असहायपन पर दया आती है। एमपी में चुनाव कराना ही बंद कर देना चाहिए। कलेक्टर को अधिकृत कर देना चाहिए। मुख्यमंत्री से सूची ले लें और उम्मीदवारों को घोषित कर दें।
उन्होंने कहा जिला पंचायत चुनाव में गड़बड़ी के खिलाफ कांग्रेस इलेक्शन पिटिशन दायर करने के बाद हाई कोर्ट में भी याचिका दायर करेगी।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राज्य निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंचकर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। पूर्व सीएम ने कहा सरकार के मंत्रियों ने सरकारी गाड़ी में झंडे लगाकर आचार संहिता का उल्लंघन किया। कलेक्ट्रेट के बाहर सुबह से कांग्रेसियों को रोका गया। भाजपा के एक विधायक को अंदर भेज दिया गया। कांग्रेस की आपत्ति के बाद ही भाजपा के विधायक को बाहर निकाला गया। सरकारी गाड़ी में अपने मतों को ढोना कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) का उल्लंघन है। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य निर्वाचन आयोग से नोटिस जारी होनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह ने कहा – पीठासीन अधिकारी की निर्देशिका में साफ लिखा है सदस्य के अक्षम होने पर ही टेंडर वोट डलवाए जा सकेंगे। टेंडर वोट उसी व्यक्ति के परिवार डाल सकेंगे। जिला परिषद चुनाव में 4 ऐसे लोगों से टेंडर वोट डलवाए गए जो सदस्य के पारिवारिक सदस्य नहीं थे।
दिग्विजय सिंह ने कहा – शुद्ध रूप से भाजपा के राजनीतिक कार्यकर्ता थे। जबकि वहां पर जो वाटर मौजूद थे उनमें से 10 के 10 वोटर साक्षर थे। स्वस्थ थे। फिर भी बीजेपी कार्यकर्ताओं से टेंडर वोट कराए गए
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा निर्वाचन आयोग का जो असहायपन है, उस पर दया आती है। वो चुनाव आयोग के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। इलेक्शन पिटिशन तो होगा ही हाईकोर्ट भी जाएंगे।
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि अब तक जितनी भी शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग में की हैं, उसमें से एक पर भी उसने संज्ञान नहीं लिया है।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए। यहां केवल कलेक्टर को अधिकृत कर देना चाहिए कि मुख्यमंत्री से सूची ले ले और उसे घोषित कर दे। क्यों हम सभी कांग्रेसियों से मेहनत करवाते हैं।
मध्यप्रदेश में जनपद पंचायत के बाद जिला पंचायतों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। 51 में से 40 जिलों में भाजपा समर्थकों को जीत मिली। कांग्रेस को केवल 10 जिलों में ही जीत मिली है।
सिवनी जिले में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी समर्थित अध्यक्ष बना है। मध्यप्रदेश में 52 में से 51 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ है। सीधी जिले में जिला पंचायत वार्ड का परिणाम उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित करने के कारण वहां पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं हो सका है।