जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत सरकार को चीन और अमेरिका से मध्यस्था करानी चाहिए। मुफ्ती ने अब्दुल्ला पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी की स्थिति सीरिया और अफगानिस्तान के समान होगी, अगर अमेरिका में हस्तक्षेप होता है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चीन, अमेरिका को अपने खुद के काम पर ध्यान देना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि जहां इन दोनों देशों ने हस्ताक्षेप किया है। वहां के क्या हालात हो गए हैं। सीरिया, अफगानिस्तान और इराक में आज क्या स्थिति है। इन देशों के हालात के लिए यही दोनों देश जिम्मेदार हैं। इस दौरान सीएम मुफ्ती ने फारुक अब्दुल्ला से पूछा कि क्या फारूक साहब यह सबकुछ हम लोगों के साथ भी होते देखना चाहते हो।
सीएम महबूबा मुफ्ती ने दो टूक लहजे में कहा कि चीन और अमेरिका अपना काम करे, कश्मीर मुद्दे को हम खुद सुलझा लेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच केवल द्विपक्षीय वार्ता कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया भर में इतने सहयोगी हैं, जिन्हें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए संपर्क कर सकते हैं। जिससे ये मुद्दा सुलझ सकता है।
गौरतलब है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा था कि भारत सरकार को कश्मीर मसले के हल के लिए तीसरे पक्ष से मध्यस्थता करानी चाहिए। अब्दुल्ला ने इसके लिए अमेरिका और चीन के नाम का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि आप अब और कितना इंतजार करोगे। कितने और लोगों को मरवाओगे। चार युद्ध हो चुके हैं। ये रास्ता बातचीत से हल होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद कहा था कि वह कश्मीर समस्या का समाधान करना चाहते हैं। चीन भी यह कहा चुका है कि वह कश्मीर मुद्दे को सुलझावाना चाहता है।