मध्य प्रदेश में बिजली फिर महंगी हो सकती है। बिजली कंपनियों ने घाटा कम करने के लिए विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव दिया है। अगर मंजूरी मिल गयी तो दाम बढ़ना तय है। इस बीच नेता आरोप लगाने में व्यस्त हैं।
लगातार बढ़ रहे घाटे पर शिवराज सिंह चौहान के आरोप का कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रियव्रत सिंह ने जवाब दिया है।
ऊर्जा मंत्री ने इसके लिए शिवराज सरकार को ही जिम्मेदार ठहराया है। दोनों के बीच ट्वीटर वार जारी है।
मंत्री प्रियव्रत सिंह ने ट्वीट कर बिजली कंपनियों के बड़े घाटे के लिए तत्कालीन शिवराज सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार बताया है।
उन्होंने लिखा बिजली कंपनियों का 47 हजार करोड़ का घाटा शिवराज सरकार की देन है। तत्कालीन बीजेपी सरकार की गलत नीतियों के कारण बिजली कंपनियों को भयंकर घाटे में पहुंचा दिया है ।
ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट कर कहा है मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार काम का दिखावा नहीं बल्कि काम करके दिखाने में विश्वास करती है। कांग्रेस सरकार का उद्देश्य मध्य प्रदेश को अच्छी और सस्ती बिजली उपलब्ध कराना है।
मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियों का घाटा लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग को बिजली 5.28 फीसदी महंगी करने का प्रस्ताव दिया है। यदि प्रस्ताव मंजूर होता है तो प्रदेश में एक बार फिर बिजली महंगी हो सकती है।
बिजली कंपनियों ने अपने प्रस्ताव में करोड़ों रुपए का घाटा होने की बात कही है। उनका तर्क है कि उन्हें 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
प्रदेश की मध्य, पूर्व और पश्चिम बिजली कंपनियों ने साल 2020 के लिए घरेलू बिजली की दरें 5.28 बढ़ाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को दिया है।
आयोग ने इस प्रस्ताव को अपनी वेबसाइट पर जारी किया है। कंपनियों का तर्क है कि यदि बिजली के दामों में बढ़ोतरी होती है तो उनका नुकसान कम होगा।