जम्मू : अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में महिलाओं के प्रदर्शनके दौरान फारूक अब्दुल्ला की बहन और बेटी हिरासत में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया है।
घाटी में मंगलवार को पहली बार अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इस दौरान प्रदर्शन कर रहीं नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया और बेटी साफिया को सीआरपीएफ की महिला बटालियन द्वारा हिरासत में ले लिया गया। विरोध प्रदर्शन किस संगठन या पार्टी के नेतृत्व में किया गया, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।
घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू होने के साथ हालात सामान्य हैं, वहीं सुरक्षाबलों के जवान घाटी में होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती इस समय हिरासत हैं। उन्हें लगातार हिरासत में रखे जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसपर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था।
उमर और महबूबा को हिरासत में रखे जाने के सवाल का जवाब देते हुए शाह ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया, ‘उनको पीएसए के तहत अभी हिरासत में रखा है।’ इस बयान वाले वीडियो को भाजपा ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। उमर और महबूबा राज्य की मुख्य पार्टियों के नेता हैं जिन्हें पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने से पहले हिरासत में लिया गया था।
जब इन नेताओं को हिरासत में रखने को लेकर सवाल किया गया तो शाह ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जब घटना ताजी थी, तब निश्चित तौर पर लोगों के लिए यह झटका था जोकि सामान्य है। यदि कोई उकसाने की कोशिश करता है, तो जाहिर है कि स्थिति को नियंत्रित करने में समस्या होगी।’
गृह मंत्री ने कहा कि 4,000 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया था। जिसमें से 1,000 अब भी जेल में हैं। इसमें से 800 पत्थरबाज हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण पिछले कुछ सालों में 40,000 लोगों की मौत हुई है। मेरा मानना है कि उनकी मौत अनुच्छेद 370 के कारण हुई। यदि कोई घाव को लगातार खरोंचता रहता है, तो लोग भड़क सकते हैं। एहतियान हमने उन्हें हिरासत में रखा। किसी की जिंदगी का नुकसान होने से बेहतर है एहतियात बरतना।