नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहांनी पार्क में 72 दिन से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के आंदोलन में धरने पर बैठी एक महिला अतिथि विद्वान ने मुंडन कराकर अपना विरोध दर्ज कराया। उनके मुंडन कराने पर पूरा पंडाल गमगीन हो गया। मुंडन होता देख धरने पर बैठे और अन्य अतिथि विद्वानों की आंखें भी नम हो गईं। मुंडन कराने वाली अतिथि विद्वान छिंदवाड़ा की रहने वाली हैं।
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बेहद भावुक करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां शाहजहांनी पार्क में पिछले 72 दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर से आए अतिथि विद्वान धरने पर बैठे है। बुधवार को धरना दे रही एक महिला अतिथि विद्वान ने अपने केश त्यागते हुए सार्वजनिक रूप से खुद का मुंडन करवा लिया। मुंडन करवाने वाली महिला का नाम डॉक्टर शाहीन खान है।
नियमितीकरण की मांग को लेकर राजधानी के शाहजहांनी पार्क में 72 दिन से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों के आंदोलन में धरने पर बैठी एक महिला अतिथि विद्वान ने मुंडन कराकर अपना विरोध दर्ज कराया। उनके मुंडन कराने पर पूरा पंडाल गमगीन हो गया। मुंडन होता देख धरने पर बैठे और अन्य अतिथि विद्वानों की आंखें भी नम हो गईं। मुंडन कराने वाली अतिथि विद्वान छिंदवाड़ा की रहने वाली हैं। उनका कहना है की सरकार आइफा अवार्ड और फिज़ूल में करोड़ों रूपए खर्च कर रही है लेकिन अतिथि विद्वानों से किया हुआ वादा पूरा नहीं कर रही।
अतिथि विद्वानों का कहना है कि चुनाव के पहले नेताओं ने वचन पत्र का हवाला देकर नियमितीकरण का वादा किया था। लेकिन वादा पूरा नहीं किया और अब अतिथि विद्वान बेरोजगार हो गए हैं। आपको बता दें कि भोपाल में करीब दो साल बाद ऐसा हुआ है जब शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं महिला कर्मचारी ने मांगों के लिए मुंडन कराकर विरोध जाहिर किया है। इसके पहले शिवराज सरकार में अतिथि महिला विद्वानों ने मुंडन कराया था।
वहीं, अतिथि विद्वान नियमतिकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि इससे दुखदाई दिन अतिथि विद्वानों के लिए नहीं हो सकता, क्योंकि एक महिला ने अपने केश त्याग दिए। डॉक्टर शाहीन ने जो बाल मुंडवाए हैं उसे हम राहुल गांधी के पास भेजेंगे ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके दिए गए वचन का यहां पालन नहीं हो रहा है।