मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सियासी घमासान पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जाहिर की है। सिंह का कहना है कि प्रदेश में क्या हालात बन गए हैं। कमलनाथ सरकार ने बना चारों तरफ हाहाकर की स्थिति बना दी है।
सरकार बनने पर उम्मीद थी कि कुछ तो बेहतर करेंगे, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। मैं जनता के लिए चिंतित हूं। बस चिंतित ही नहीं हूं बल्कि मध्य प्रदेश को बर्बाद होते देख मेरे साथ जनता भी परेशान है। जैसा हिसाब-किताब बता रहे हैं वो समझ से परे है। कांग्रेस के मंत्री-विधायक बता रहे हैं कि कौन-कौन सा मंत्री कैसे पैसे खा रहा है और किसके ट्रांसफर में कौन कितने पैसे ले रहा है। कौन पत्थर-गिट्टी लूट रहा है और कौन भ्रष्टाचार कर रहा है।
इस वक्त जैसा राज मप्र में कांग्रेस सरकार में चल रहा है, वैसा इससे पहले कभी नहीं देखा है। प्रदेश में भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़े जा रहे हैं। भ्रष्टाचार में भी हिस्सेदारियां हो रही हैं।
कांग्रेस के एक बड़े नेता रेत के उत्खनन में लूट मार मचा रहे हैं। ट्रांसफर और पोस्टिंग में पैसे लिए जा रहे हैं। किस मुंह से सरकार चला रहे हैं ये तो बताएं। प्रदेश अब बर्बाद और तबाह हो चुका है।
मध्य प्रदेश अब बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। ये सरकार चील और कौओं की तरह प्रदेश को नोंच-नोंच कर खा रही है। मुख्यमंत्री की ड्यूटी है वो इस प्रदेश को बचाएं।
सरेआम जो आरोप लग रहे हैं सत्ता पक्ष के जरिए उसका जवाब दें। मैडम सोनिया गांधी की ड्यूटी है कि वो देश को बताएं कि ऐसी लूट हो रही है। उसको रोकने कुछ करेंगी या नहीं करेंगी। लूट के हिस्से में उपर से नीचे तक क्या सबकी भागीदारी है।
शिवराज ने आगे कहा कि पहले ये तो बताएं कि कौआ कौन है। आंतरिक लोकतंत्र क्या है। क्या आंतरिक लोकतंत्र लूट के लिए होता है। आंतरिक लोकतंत्र वो है जो चुनाव में हो, संगठन में चुनाव हो और पार्टी फोरम पर लोग बात करें। अंदर की सारी बातें बाहर आ रही हैं। अब ये सरकार चलने के काबिल नहीं है।
कौन किस को बर्खास्त करें ये समझ ही नहीं आ रहा है। सरकार चला कौन रहा है। ये भी तो नहीं पता है, जिसने पाप नहीं किया हो वो पहला पत्थर मारे।
शिवराज ने फिर हमला करते हुए कहा कि ये ऐसा तमाशा हो गया है कि समझ नहीं आता है कि क्या संज्ञा दें। इस तमाशे को तो अब अलीबाबा 40 चोर का नाम भी नहीं दे सकते हैं। अध्यक्ष का भी चुनाव नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन जिस ढंग से कारनामे हो रहे हैं उससे मप्र का विकास ठप हो गया है। जनता का कल्याण रूक गया है। योजनाएं रूक गई हैं। जनहित की योजनाओं पर ब्रेक लग गया है। कौन-किसे मारे यही मचा है। मेरे प्रदेश को तो अब भगवान बचाएं।
जहां तक हमारी पार्टी का सवाल है। हमने तय किया था कि किसी सरकार को जोड़तोड़ से नहीं गिराएंगे। जोड़ा-तोड़ा बहुमत है तो भी वो सरकार चलाए। कांग्रेसी आपस में भी ही लड़कर मर रहे हैं। सरकार की फजाहीत कराने पर आमदा हैं। अब भाजपा सड़कों पर जनता की लड़ाई लड़ेगी।