सुपौल : बिहार के पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र के पैतृक गांव में बुधवार को राजकीय समारोह के रूप में आयोजित अंत्येष्टि के दौरान पुलिस के द्वारा दाह संस्कार से पूर्व सीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. हालांकि, इस दौरान पुलिस के रायफल से एक भी गोली नहीं चली. जिसके कारण पुलिस प्रशासन की भारी किरकिरी हुई. वहीं लोगों में यह चर्चा का विषय बना रहा.
गौरतलब है कि गार्ड ऑफ ऑनर के क्रम में पुलिस के 18 जवान शस्त्र के साथ पंक्तिबद्ध खड़े हुए. आदेश के बाद फायरिंग के लिए राइफल की नली ऊपर कर जवानों द्वारा ट्रिगर दबाया गया. लेकिन, एक भी गोली फायर नहीं हुई. जिससे आमलोगों के साथ ही पुलिस के जवान भी भौंचक रह गये.
पूर्व सीएम के अंत्येष्टि में सूबे के मुखिया नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी सहित अन्य कई मंत्री, सांसद व विधायक आदि भी मौजूद थे. बावजूद गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान उपस्थित किसी भी जवान के राइफल से दिवंगत आत्मा की सलामी हेतु गोली नहीं चलने से आमलोगों में नाराजगी व्याप्त है. वहीं पुलिस के शस्त्रों की गुणवत्ता व उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. राजद विधायक यदुवंश कुमार यादव सहित अन्य कई लोगों ने मामले की जांच की मांग की है.
पुलिस अधीक्षक मृत्युंजय कुमार चौधरी ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि शोक सलामी के दौरान 10 जवानों द्वारा ब्लैंक राउंड से फायरिंग की जाती है. लाइव कारट्रेज से फायर नहीं की जाती है. ताकि आसपास मौजूद लोगों को किसी प्रकार का खतरा नहीं हो. जवानों को दस राउंड फायर करने का आदेश दिया गया. लेकिन, गोली नहीं चली. गोली पुराना हो गया था या फिर उसका लाइफ खत्म हो गया था या कोई फिर तकनीकी खराबी थी. जिसके कारण फायर नहीं हुई. इसकी जांच की जायेगी.