24.1 C
Indore
Monday, March 24, 2025

कांग्रेस का ढहता किला,परेशान गाँधी परिवार

भारतीय जनमानस में एक कहावत सदियों से कही जाती है, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं ! अब अगर हम इसे भारतीय राजनीती पर लागू करें तो अनेको उदाहरण हैं । ताजा मामला अमेठी का है । बीच के कुछ कालखंडों को छोड़ दें ,तो आजादी के बाद कांग्रेस या गाँधी परिवार ने जिस तरह पुरे देश पर राज किया ठीक वैसे ही अमेठी पर भी । वैसे तो अमेठी को गाँधी परिवार अपन अभेद्य किला मानता रहा है । लेकिन बीते 2014 के लोकसभा के चुनावों की पहली बार राहुल गाँधी को कायदे की टक्कर मिली भाजपा की स्मृति ईरानी से । स्मृति चुनाव् हार गयी लेकिन अमेठी से नाता नहीं तोडा । अमेठी के भाजपा कार्यकर्ता बराबर मंत्रालय एवं आवास पर पुरे हक से मिलते रहे । एक साल में स्मृति 3 बार अमेठी आई ।

राहुल सोनिया प्रियंका बार बार अमेठी और रायबरेली आते रहे तमाम मुद्दे उठाने की बात करते । जनता को सब्जबाग दिखाते रहे ।इन सबके बाद भी जनता तक उनकी पहुँच न हो सकी । दिल्ली तक पहुँच केवल पहुँच वाले नेताओ की बनी । साधरण कायकर्ता के हाथ बस निराशा लगती । अमेठी की जनता भी दशकों से ठगी जाती रही । इमोशनल कन्नेक्शन में विकास की बातें पीछे छुट गयी ।सालों से जज्बातो पर वोट मिलते रहे । जैसे मैं आपकी बहु हूँ । ए राजीव का बेटा है , या फिर प्रियंका इंदिरा जैसी दिखती हैं, वगैरह – वगैरह । कभी काम के आधार पर वोट नहीं माँगा ।

पुरे देश में ख़राब मौसम और ओलावृष्टि से किसानो की फसलें बर्बाद हो गयी । अमेठी में भी भारी तबाही हुई । स्मृति ईरानी भी 15 मई को अमेठी आयीं साथ में कृषि राज्य मंत्री डा० संजीव बालियान भी थे । भयानक गर्मी को मात देते हुए कई जगहों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने जनता से मिलने बात करने का कार्यक्रम रखा । बात आई गौरीगंज में खाद की रैक न उपलब्ध हो पाना एक बड़ी समस्या है । किसानो को अमेठी से खाद लानी पड़ती है । स्थानीय बाज़ारों में कालाबाजारी जोरो पर है । स्मृति ईरानी ने साथ बैठे कृषि राज्य मंत्री डा० संजीव बालियान से बात की । 10 मिनट में खाद की रैक गौरीगंज में उपलब्ध करने की घोषणा भी कर दी 26 मई को दुबारा आने की बात कही । दुबारा आने से एक दिन पहले पर्याप्त खाद की रैक गौरीगंज पहुँच चुकी थी ।

अब बात करते हैं देश के जबरदस्ती के राजपरिवार की । परिवार में जमा जमा कुल तीन लोग माँ और बेटे अगल बगल से सांसद , बीच बीच में बेटी भी बार्डर वाली साड़ी पहनकर कभी अकेले तो अपने बच्चों को नाना दादी की जड़ें दिखाने लाया करती है । लेकिन 2014 चुनावों के बाद लगा कि उनकी साड़ियों का स्टॉक खत्म हो गया है । जहाँ भी दिखी आधुनिक कहे जाने वाले कपड़ों में दिखी ।भाई भी छुट्टी लेकर अज्ञातवास में चला गया । संसद के बजट सत्र जैसे महत्त्वपूर्ण काम को छोड़ कर अचानक टीवी पर पुरे 56 दिन बाद राहुल गाँधी दिखे । संसद के दुसरे सत्र में खूब हल्ला किया । बदहवास से राहुल देश की यात्रा पर निकल पड़े । यहाँ वहां खूब नाटक खेला । लेकिन जब अपनी सरकार थी तो एक भी दिन संसद में नहीं बोले । अलबत्ता प्रेस कांफ्रेंस के बीच में आकर मनमोहन सरकार की कैबिनेट के फैसले को फाड़ कर बेवकूफी भरा बताया । वास्तव में कांग्रेसी आज भी यह मानकर बैठे हैं कि एक दिन आएगा जब राहुल बड़े हो जायेंगे और सबकुछ सभांल लेंगे । पार्टी में एक धडा प्रियंका को भी आगे लाने की बात करता है ।

अपनी विश्वसनीयता स्थापित करना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है । उसकी जो साख पिछले एक दशक के शासनकाल में लूटपाट और भ्रष्टाचार के कारण खराब हो चुकी है उसमें हाल-फिलहाल सुधार के संकेत नजर नहीं आते वर्तमान सरकार के खिलाफ उसका नकारात्मक अभियान इसलिए टिकाऊ नहीं हो सकता, । नरेंद्र मोदी का कांग्रेस के खिलाफ अभियान इसलिए सफल रहा, क्योंकि जिस विकास को उन्होंने चुनावी मुद्दा बनाया उसका गुजरात में वह उदाहरण पेश कर चुके थे। नकारात्मकता से दूसरे की छवि बिगाड़ी तभी जा सकती है जब अपने सकारात्मक मॉडल के प्रति लोगों में विश्वास पैदा किया जा सके। कांग्रेस इस चुनौती की अनदेखी कर रही है।

प्रियंका जोकि एक बार फिर रायबरेली के दौरे पर भयानक गर्मी में आयी । लगभग 400 किमी की यात्रा में प्रियंका मात्र एक जगह लोगो से मिली बाकी जगहों पर बड़ी मुश्किल से एक या दो जगहों पर ही गाड़ी से उतरी । नहीं तो शीशे के अंदर से ही नमस्कार कर लिया जहाँ उतरी भी तो एस पी जी के घेरे में कोई नजदीक नहीं आ सकता था बस दूर से ही । इस यात्रा से किसी का भला नहीं हुआ । न किसी फरियादी की फरियाद सुनी न ही प्रशासन को कोई निर्देश । आखिर इस 47 डिग्री तापमान में गाड़ी से उतरें भी तो कैसे । बस गाड़ी चलती रही , धूल उडती रही और शोर मचता रहा । एक दिन पहले सोनिया गाँधी ने जरुर सरकारी चेक किसानो को बाटें । अपने व्यक्तिगत स्तर पर कोई भी मांग या घोषणा नहीं कर पायीं ।जिस तरह से एक पखवारे के अंदर पूरा परिवार अचानक से रायबरेली या अमेठी को लेकर गंभीर हो गया कही न कही यह अपना किला बचाने की आखिरी कोशिश जैसी दिखती है। यह दौरा भी अपनी हनक दिखाने की कोशिश थी ।

स्मृति ईरानी भारतीय टीवी चैनल का एक बहुत बड़ा नाम है । उनकी छवि एक आदर्श भारतीय बहु की है । विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से वे एक दशक से अधिक समय से भारतीय परिवारों से जुडी हुई है । उन्होंने राजनीती की शुरुवात की और केन्द्रीय मंत्री के रूप में हमारे सामने हैं । जब वह अमेठी आती है तो उनके साथ कोई भी सरकारी तामझाम नहीं होता । जनता उनको अपने ही बीच का समझती है । जिसकी जो भी फरियाद हो सहर्ष सुनती है ,और आवश्यक कार्यवाही के लिए आगे बढ़ा देती है । पुरे कार्यक्रम एवं दौरे की व्यवस्था कोई सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि स्थानीय भाजपा करते है । एक ओर जहाँ गाँधी परिवार अपने कार्यकर्ताओं के नाम ही नहीं याद कर पाई है तो वही दूसरी और स्मृति ईरानी जिले से लेकर बूथ तक के सभी कार्यकर्ताओं को सीधे नाम ले के बुलाती है । अब इतना होने पर कार्यकर्ता भी उनके साथ अपना भावनात्मक रिश्ता जोड़ ही लेता है वह भी उन्हें दीदी बुलाता है ।

आज देश में क्या हो पाया क्या नहीं इसका हिसाब एक वर्ष के मोदी सरकार के शासनकाल से नहीं बल्कि कांग्रेस से लेना चाहिए ।क्या राहुल गाँधी सालों से अमेठी पिकनिक मनाने जाते थे । सिर्फ सोनिया गाँधी के रोने से या राजनीती बहुत ख़राब है ए कहने भर से किसी को कुछ नहीं मिलेगा । प्रियंका जब यह कहती है कि मोदी सरकार एक साल के अंदर अमेठी में आई आई टी न खुलवा पाने के कारण मोदी सरकार विफल है । जाने अनजाने कांग्रेस और गाँधी परिवार खुद अपनी हंसी उड़ा रहा है ।

जिस तरह से एक पखवारे के अंदर अमेठी और रायबरेली को लेकर गाँधी परिवार चिंतिंत हुआ है । यह चिंता उसे आज के दस साल पहले नहीं हो पाई । जब वह कुछ कर सकती थी अगर कुछ हुआ तो केवल शिलान्यास । बाद में जमीन और प्रदेश सरकार से सहयोग न मिल पाने का रोना । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार पिछले तीन वर्षों से है । आज मोदी सरकार ने एक साल में ही पूर्वांचल बिहार एवं सीमावर्ती बिहार के पिछड़े इलाकों को ध्यान में रखकर गोरखपुर में एम्स , खाद का कारखाना एवं गैस प्लांट जैसे तीन तीन महत्वपूर्ण योजनाये लगवाई । जनता किसी परिवार या नेता के खिलाफ नहीं बल्कि उस विचाधारा के खिलाफ है जो सालों से कोरी घोषणाएँ और शिलान्यास तक ही सीमित है । बीते 10 वर्षों में गाँधी परिवार ने रायबरेली या अमेठी में किसी बड़ी और लोक कल्याणकारी परियोजना को नहीं चलवा सकी ।

ए राजशाही नहीं लोकतंत्र है । हो सकता है की जनता किसी एक परिवार या नेता को सर आँखों पर बैठाये । जनता के लिए बिना काम की गारंटी के बिना सत्ता का अधिकार या सुख पाने की चाह रखना लोकतंत्र की मूल भावना के एकदम उलट हैं । कांग्रेस को मोदी सरकार की आलोचना करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि विरोध करने के उत्साह में कहीं वह और कमजोर न हो जाए। कांग्रेस अपनी खोई राजनीतिक जमीन हासिल करने के लिए जिस रास्ते पर चल निकली है वह उसे और अधिक भटकाएगा। देश को एक मजबूत विपक्ष की हमेशा जरूरत रहेगी। विपक्ष और खासकर कांग्रेस को नकारात्मक छोड़कर सकारात्मक भूमिका पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करके ही वह देश निर्माण में सहयोग दे सकती है। वैसे देश की जनता गरजने और बरसने वालों में अंतर जान चुकी है।

 सत्यव्रत त्रिपाठी

 (लेखक इंटरनेशनल सोसिओ पोलिटिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन नई दिल्ली में रिसर्च फेलो है

Related Articles

Находим лучшее зеркало Мостбет: советы пользователей

Находим лучшее зеркало Мостбет: советы пользователейПользователи, сталкивающиеся с ограничениями доступа к популярной букмекерской платформе Мостбет, знают, насколько важно найти надежное зеркало сайта. В этом...

Анализ виртуального казино с бонусами для ставок на средства

Вознаграждения в интернет гэмблинг-платформах – результативный механизм завлечения новых игроков и сохранения имеющейся аудитории игроков, которым применяют многие провайдеры. В контексте с высоким показателем...

Онлайн игорное заведение с акциями – как определить оптимальное

При составления рейтинга геймерских площадок используется всесторонний способ с рассмотрением множества параметров. Такое гарантирует, что в списке лучших виртуальных казино окажутся действительно солидные заведения,...

Sweet Bonanza Bahis Sitesinde Mega Ödüller Ýçin Þansýnýzý Katlayýn!

Yeni üyelere promosyon veren casino siteleri, katýlýmcýlara ücretsiz deneme þansý vererek oyuncular için önemli bir fýrsat sunar. Sweet Bonanza oyun sitesi, yeni kullanýcýlara özel...

Широкая бонусная программа игорного заведения: геймхолл и привилегии

Сертифицированное интернет-казино Макс Бет пользуется большой известностью у ценителей игр на удачу с денежными ставками. Отличный статус сайт завоевала благодаря качественному обслуживанию и индивидуальному...

Как определить прибыльный слот в онлайн казино с привилегиями

Онлайн казино различаются от наземных казино ввиду того, что коллекция слотов не имеет ограничений в физическим пространством. Актуальные сайты с азартными развлечениями предоставляют вниманию...

Как подобрать виртуальное игорное заведение с бонусами: ценные подсказки

В настоящее время поклонникам рискованных развлечений вовсе не необходимо навещать наземные казино со автоматами. На сети функционируют множество официальных платформ, предлагающих возможность играть в...

Безопасная игра в гэмблинге на средства на компьютере и телефонах.

Виртуальное казино Кент казино обладает официальной лицензией от глобальной гемблинговой комиссии Кюрасао и управляется проверенным и серьезным администратором. Пользователям доступны внушительная коллекция игровых автоматов,...

Hangi şekilde slot makinesi tanımlanır kumarhanede oyna

Çevrimiçi kumarhane kumarbazların dikkatini tek bir sitede çok çeşitli cazibe merkezi ve bahis koyma seçeneği sahip oldukları dikkatini çeker, evde başka herhangi bir yerde....

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
138,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

Находим лучшее зеркало Мостбет: советы пользователей

Находим лучшее зеркало Мостбет: советы пользователейПользователи, сталкивающиеся с ограничениями доступа к популярной букмекерской платформе Мостбет, знают, насколько важно найти надежное зеркало сайта. В этом...

Анализ виртуального казино с бонусами для ставок на средства

Вознаграждения в интернет гэмблинг-платформах – результативный механизм завлечения новых игроков и сохранения имеющейся аудитории игроков, которым применяют многие провайдеры. В контексте с высоким показателем...

Онлайн игорное заведение с акциями – как определить оптимальное

При составления рейтинга геймерских площадок используется всесторонний способ с рассмотрением множества параметров. Такое гарантирует, что в списке лучших виртуальных казино окажутся действительно солидные заведения,...

Sweet Bonanza Bahis Sitesinde Mega Ödüller Ýçin Þansýnýzý Katlayýn!

Yeni üyelere promosyon veren casino siteleri, katýlýmcýlara ücretsiz deneme þansý vererek oyuncular için önemli bir fýrsat sunar. Sweet Bonanza oyun sitesi, yeni kullanýcýlara özel...

Широкая бонусная программа игорного заведения: геймхолл и привилегии

Сертифицированное интернет-казино Макс Бет пользуется большой известностью у ценителей игр на удачу с денежными ставками. Отличный статус сайт завоевала благодаря качественному обслуживанию и индивидуальному...