देश की संसद में तीन तलाक पर प्रतिबंध को कानूनी शक्ल देने की कवायद की जा रही है। इसको लेकर शुक्रवार को लोकसभा में नया बिल पेश किया गया। कांग्रेस, AIMIM ने इसका खुलकर विरोध किया किया है।
सत्ता पक्ष एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने एक बार फिर इस बिल का विरोध करने की बात दोहराई है। इस बीच बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर न सिर्फ इस बिल का समर्थन किया है, बल्कि तीन तलाक के साथ हलाला प्रथा का भी विरोध किया है।
गिरिराज सिंह ने ट्वीट किया, ‘तीन तलाक/हलाला जैसी कुरीतियां बढ़ते हिंदुस्तान के माथे पर कलंक हैं। इन कुरीतियों के खिलाफ बनने वाले कानून का विरोध करने वाले मुस्लिम महिलाओं को दोजख की जिंदगी जीने पर मजबूर कर रहे हैं। हमने अतीत में बाल विवाह और सतीप्रथा जैसी कुरीतियों को समाज से निकाला और इसके खिलाफ कानून बनाया।’
बता दें कि एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने भी इस बिल का विरोध किया था। पार्टी के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जेडीयू मौजूदा स्वरूप में तीन तलाक बिल का समर्थन नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि हमारे दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लॉ कमीशन को इस बारे में बताया था कि यह नाज़ुक मसला है। लिहाजा, इसमें सभी पक्षों से बात कर आम सहमति बनाने की करने कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में एनडीए के भीतर कभी कोई चर्चा नहीं हुई है।
गौरतलब है कि संसदीय नियमों के मुताबिक, जो विधेयक सीधे राज्यसभा में पेश किए जाते हैं, वो लोकसभा भंग होने की स्थिति में स्वत: समाप्त नहीं होते।
जो विधेयक लोकसभा में पेश किए जाते हैं और राज्यसभा में लंबित रहते हैं, वे निचले सदन यानी लोकसभा भंग होने की स्थिति में अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं। तीन तलाक बिल के साथ भी यही हुआ और यही वजह है कि मोदी सरकार को नया विधेयक लाना पड़ा।