सरकार संकट के दौर से गुजर रहे दूरसंचार क्षेत्र को बड़ी राहत दे सकती है। उसकी ओर से कंपनियों के बकाया भुगतान को लेकर छूट दिए जाने की संभावना है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और भारती एयरटेल को बकाया भुगतान को लेकर वित्तीय राहत पर विचार कर रही है।
एयरटेल और वोडा आइडिया पर कुल बकाया 92 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। सुप्रीम कोर्ट पिछले दिनों ब्याज सहित इस बकाए को चुकाने का आदेश दिया था, जिसके बाद दोनों कंपनियों ने सरकार से राहत की गुहार लगाई है। वित्त मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि यह राहत भुगतान माफी अथवा इसके तरीकों में बदलाव को लेकर हो सकती है।
हालांकि, इस पर सरकार ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। गौरतलब है कि दोनों कंपनियों की ओर से बृहस्पतिवार को जारी तिमाही परिणाम में भारी घाटा दिखाया गया है। वोडा आइडिया को जहां 51 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, वहीं एयरटेल को भी 23 हजार करोड़ रुपये की चपत लगी है।
हाल ही में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद से कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से दूसरी तिमाही में कंपनियों को कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा हुआ है। कंपनियों को कुल 74,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
ट्राई के 19 अक्तूबर को जारी किए गए डाटा के अनुसार वोडाफोन आइडिया के पास 37.5 करोड़ ग्राहक हैं। वहीं एयरटेल के पास 32.79 करोड़ ग्राहक हैं। वहीं रिलायंस जियो के पास 34.8 करोड़ ग्राहक हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल के पास संयुक्त तौर पर 70 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं। निजी टेलीकॉम कंपनियों के पास 89.78 फीसदी शेयर है, वहीं बीएसएनएल और एमटीएनएल के पास केवल 10.22 फीसदी शेयर है।
इसी सप्ताह आदित्य बिड़ला समूह ने कहा था कि अगर सरकार समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) को लेकर 39,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी पर बड़ी राहत नहीं देती, तो वह कंपनी में और निवेश नहीं करेगा। ऐसे में वोडाफोन आइडिया दिवालिया हो जाएगी।