आणंद- अपने परिवार को समस्याओं से उबारने का सपना लेकर सऊदी अरब गया युवक खुद समस्याओं की जाल में उलझ कर रह गया है। तिन साल पूर्व घर से सऊदी अरब गए आणंद जिले के नापा गांव के युवक के घर नहीं लौटने पर परिवार के लोग परेशान हैं। परिवार के लोगों ने इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर विदेश में फंसे साबिरमिया क़ाज़ी को स्वदेश लाने के दिशा में कार्रवाई करने की गुहार लगायी है।
जानकारी के अनुसारआणंद जिले के नापा गांव का साबिरमिया क़ाज़ी सात वर्ष पहले सऊदी अरेबिया के अल खोबर शहेर स्थित अल साद कंपनी में गया था। और ड्राइवर का काम करता था। शुरुआती दिन तो अच्छे बीते। हर दो साल के बाद साबिरमिया घर लौटता था। और दो तीन महीने परिवार के साथ बिता कर सऊदी लौट जाता था। लेकिन पिछले ३ साल से कंपनी ने साबिरमिया को घर लौटने नहीं दिया। और पिछले सात साल से तो तनख्वाह भी नहीं दी। जिस से ले कर अब साबिरमिया के पास भी पैसा नहीं है। जिस से साबिर अपने घर वालो को भी पैसा नहीं भेज पाया ,जिस से घरवालों के लिए भी गुजारा चलाना मुस्किल बना है।
नापा गांव के साबिरमिया क़ाज़ी सात साल पूर्व परिवार की आर्थिक दशा को खराब देखकर सऊदी अरब में नौकरी के लिए गया था। तब उसके घर के लोगों में इस बात की खुशी थी कि अब परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो जाएगा। परिवार को उम्मीद थी की एक मात्र पुत्र की कमाई से घर में खुशहाली आएगी। लेकिन सऊदी अरब जाने के बाद पांच साल तो अच्छी तरह बीत गए और दो साल के बाद दो बार छुट्टिया ले कर साबिर अपने घर भी लौटा।
लेकिन पिछले तीन साल से साबिर की कंपनी वित्तीय संकट में आने से साबिर को पिछले तीन साल से घर आने के लिए छुट्टी नहीं दी जाती। और पिछले सात माह से तो तनख्वाह भी नहीं दी गई। साबिर पासपोर्ट और हकामा ( सऊदी सरकार का कार्ड) भी कंपनी वालो ने ले लिया है। और कंपनी के केम्पस से बहार भी निकलने नहीं दिया जाता। बहार के लोगो से बात भी करने नहीं दी जाती। मानो कंपनी ने नजर कैद कर लिए है। साबिर के साथ कंपनी में १५०० से ज्यादा भारतीय भी फंसे है। जिस में १५० गुजराती युवक है साबिर का कहना है। कंपनी द्वारा पिछले सात माह से तनख्वाह नहीं दी गई। और उनके पास काम करवाया जाता है। लेकिन वेतन नहीं दिया जाता। और उनके पासपोर्ट और कागजात भी वापस नहीं कर रहा है।
साबिर का कहना है के सऊदी स्थित इंडियन एम्बेसी भी उनकी गुहार सुन नहीं रही। वह सब अपने घर लौटना चाहते है। लेकिन कंपनी उन्हें लौटने नहीं देती। और वेतन भी नहीं देती। अगर पुलिस आती है तो हमें मारने की बात करती है।
साबिर पत्नी और २ बेटो ने भारत सरकार से मदद मांगी है। और सरकार साबिर को इंडिया वापिस लाने के लिए उनकी मदद करे ये मांग की है। साबिर के फंसने से उनके परिवार चिंतित हो रहे है।
@बुरहान पठान