प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उर्स मुबारक में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गए जिनमे सुबह 6 बजे सन्दल शरीफ के साथ चादर पेश की गयी, दोपहर में ज़ोहर की नमाज के बाद क़ुरआन ख्वानी एवं अस्र की नमाज के बाद फातेहा होकर रोजाना आम लंगर का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में बाबा के चाहने वालों ने शामिल होकर हिस्सा लिया जिसके बाद शहर एवं पूरे मुल्क में अमन शांति और भाई चारे के साथ साथ दुनिया में फैले कोरोना वायरस से सभी की हिफाजत लिए दुआएं की गईं ।
खंडवा- शहर के लोहारी नाका स्थित इस्लाम की सूफी विचारधारा के संत हज़रत ख्वाज़ा सय्यद ग्यासुद्दीन चिश्ती उर्फ हज़रत तारशाह वली बाबा की मजार पर पिछले 10 दिनों से जारी उर्स का आज समापन हुआ । उर्दू कैलेंडर के अनुसार रज्जब माह में मनाए जाने वाले इस दस दिनीं उर्स का यह 684वा वर्ष था जो 6 मार्च 2020 से शुरू होकर 15 मार्च 2020 तक मनाया गया ।
प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उर्स मुबारक में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गए जिनमे सुबह 6 बजे सन्दल शरीफ के साथ चादर पेश की गयी, दोपहर में ज़ोहर की नमाज के बाद क़ुरआन ख्वानी एवं अस्र की नमाज के बाद फातेहा होकर रोजाना आम लंगर का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में बाबा के चाहने वालों ने शामिल होकर हिस्सा लिया जिसके बाद शहर एवं पूरे मुल्क में अमन शांति और भाई चारे के साथ साथ दुनिया में फैले कोरोना वायरस से सभी की हिफाजत लिए दुआएं की गईं ।
दरगाह के खादिम मुमताज़ चिश्ती ने बताया के हज़रत तारशाह वली बाबा अजमेर वाले हजरत मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज के रिश्ते में भांजे हैं एवं हमारा परिवार लगभग तीन सौ बरसों से पीढ़ी दर पीढ़ी दरगाह की खिदमत के काम अंजाम दे रहा है ।
आपसी सद्भाव एवं साम्प्रदायिक एकता की मिसाल इस दरगाह पर रोजाना बड़ी तादाद में सभी धर्मों के लोग अपनी मुरादें बाबा के पास लेकर आते हैं और मन की मुरादें पाते हैं । दरगाह के खादिम मुमताज़ अली चिश्ती ने उर्स मुबारक में शामिल हुए सभी आमजनों का आभार माना ।