कान छिदवाना फैशन के रूप में लिया जाता है । लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इसके कई फायदे भी होते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, कान छिदवाने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हेल्दी रहते हैं। साथ ही इम्यून सिस्टम भी मजबूत बनता है।
कान छिदवाना भारतीय संस्कृति की एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है कान छिदवाने के इस ट्रेंड में सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी शामिल है। इन दिनों पुरुष भी फैशन के चलते अपना एक या फिर दोनों कान में पियरसिंग कराने लगे है।
कान छिदवाने के फायदे…
1. बहरापन- कान छिदवाने से बहरेपन का खतरा कम रहता है। एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट के मुताबिक, कान के निचले हिस्से पर मास्टर सेंसोरल और मास्टर सेरेब्रल नाम के दो इयर लोब्स होते हैं। कान के इस हिस्से को छिदवाने से बहरापन दूर हो जाता है।
2. आंखों की रोशनी- कान छिदवाने का असर आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कान के निचले हिस्से में एक ऐसा प्वॉइंट होता है, जहां से आंखों की नसें गुजरती हैं। कान के इस हिस्से को छिदवाने पर आंखों की रोशनी तेज होती है।
3. तनाव कम- कान छिदवाने से तनाव भी कम रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कान के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है तो टेंशन कम होता है।
4. लकवा- वैज्ञानिकों की मानें तो कान छिदवाने से लकवा जैसी गंभीर बीमारियां होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा शरीर के सुन्न पड़ने और पैरालिसिस जैसी बीमारी से बचाव होता है।
5. दिमाग तेज- कान के निचले हिस्से में मौजूद कुछ नसें मास्तिष्क से जुड़ी होती हैं। इस हिस्से पर कान छिदवाने दिमाग का विकास तेजी से होता है। यही कारण है कि छोटी उम्र में ही बच्चों के कान छेदवा दिए जाते हैं।
6. पाचन क्रिया दुरुस्त- कान के जिस हिस्से को छेदा जाता है, वहां एक प्वॉइंट ऐसा होता है जो दिमाग को भूख लगने के लिए प्रेरित करता है।
यही कारण है कि कान छेदवाने से पाचन क्रिया सही बनी रहती है। आयुर्वेद के अनुसार कान छिदवाने से रिप्रोडक्टिव ऑर्गन हेल्दी बनते हैं। साथ ही इम्यून सिस्टम भी मजबूत होने में मदद मिलती है।