नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक हाई लेवल बैठक हुई। इसमें एनएसए अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, रॉ प्रमुख सामंत कुमार गोयल, सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भाग लिया। यह उच्च स्तरीय बैठक केंद्रीय गृह मंत्रालय में हुई।
इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी शामिल हुए। सूत्रों की मानें तो बैठक में जम्मू-कश्मीर में चल रहीं विकास परियोजनाओं की समीक्षा के साथ ही नई परियोजनाओं को लेकर रूपरेखा तय होने की बात कही जा रही है। बैठक में अमरनाथ यात्रा को लेकर भी चर्चा संभव है। बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव समेत दूसरे आला अधिकारी भी शामिल हुए।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर हलचल बढ़ी है। मनोज सिन्हा लगातार बैठकें कर रहे हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर खासकर घाटी में बीते कुछ दिनों के दौरान अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ी है। बीते दिनों उपराज्यपाल ने इस तैनाती को सामान्य बताते हुए कहा था कि यह सुरक्षाबल देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव के लिए गए थे। अब लौट रहे हैं और अपने-अपने मूल ड्यूटी स्थल पर जा रहे हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि इसके अलावा श्री अमरनाथ यात्रा से पूर्व जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ाया जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कुछ बड़ा होने की अफवाहों को खारिज करते हुए कहा था कि राज्य में ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है जिसके लिए सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकडिय़ों को देश के विभिन्न हिस्सों से मंगवाकर तैनात करना पड़े।
बीते दिनों उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यह भी कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दो टूक कहा था कि न तो जम्मू-कश्मीर का विभाजन होने जा रहा है और ना ही ऐसा कुछ बड़ा होने जा रहा है जिसके लिए यहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जरूरत है।