नई दिल्ली- पाकिस्तान सार्क सम्मेलन में शामिल होकर लौटे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को संसद में अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर बयान दे रहे हैं। राजनाथ ने बताया, ‘मैंने पाकिस्तान में सार्क देशों के गृहमंत्रियों की बैठक में कहा कि आतंकवादियों को शहीद नहीं बताया जा सकता है। साथ ही आतंकियों को शरण देने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। मैंने कहा, ‘आतंकियों को खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ उन देशों और लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो आतंकवाद को सपोर्ट करते हैं।’ सार्क देशों के गृहमंत्रियों की बैठक में मैंने आतंकवाद के खिलाफ मुहिम चलाने की बात कही। सार्क देशों में आतंकियों के प्रत्यर्पण के लिए कड़े नियम बनाए जाने चाहिए।
राजनाथ ने बताया कि सार्क सम्मेलन में उन्होंने आतंकवाद का मुद्दा उठाया और कहा कि आतंकवादियों पर दुनिया के लगाए बैन का सम्मान हो। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को यह भी स्पष्ट कर दिया कि आतंकवादियों को शहीद न बनाया जाए। साथ ही सभी सदस्य देशों से कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश के खिलाफ भी कार्रवाई हो।
राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से नेता गुलाम नबी आजाद ने मोर्चा संभाला। उन्होंने राजनाथ के बयान का स्वागत किया। साथ ही राजनाथ के दौरे पर पाकिस्तानी रवैये की निंदा भी की। दूसरी तरफ एसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पाकिस्तान नम्रता से नहीं सुनता।
इस्लामाबाद में आयोजित सार्क सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को लेकर पड़ोसी पाकिस्तान को जमकर खरी-खोटी सुनाई। घबराए पाकिस्तान ने राजनाथ सिंह के भाषण के मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी। इसके बाद वह लंच में भी शामिल नहीं हुए।
सार्क सम्मेलन में आतंकवाद के मसले पर भारत की खरी-खरी सुनने के बाद पाकिस्तान ने सफाई दी है। पड़ोसी मुल्क के गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में किसी देश का नाम नहीं लिया। चौधरी निसार ने कहा, ‘आमतौर पर बैठक का माहौल अच्छा रहा. भारत की ओर से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। ‘
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने सम्मेलन का आगाज करते हुए कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, सार्क ने दक्षिण एशिया में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने में सराहनीय योगदान दिया है। उन्होंने काबुल, ढाका और पठानकोट में हुए आतंकी हमलों का भी जिक्र किया। राजनाथ ने ये भी कहा कि आतंकवादियों का शहीदों के रूप में महिमामंडन या प्रशंसा नहीं की जानी चाहिए। आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता. आतंकवाद बस आतंकवाद होता है।
बिना खाना खाए ही लौटे थे राजनाथ
भारत पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘ मैंने भारत का रुख़ इस्लामाबाद में साफ़ कर दिया है। मैं अब संसद में बोलूंगा।’ राजनाथ सिंह के इस दौरे में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी साफ नजर आई। राजनाथ पाकिस्तानी गृहमंत्री की मेजबानी में आयोजित लंच में भी शामिल नहीं हुए और बिना खाना खाए ही लौट आए। दरअसल, पाक गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान इस लंच में नहीं पहुंचे थे, इसलिए राजनाथ ने भी कार्यक्रम का बायकॉट किया।
आतंकियों को शहीद के तौर पर महिमंडित नहीं करे पाकिस्तान
गृहमंत्रियों के सम्मेलन में राजनाथ ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। राजनाथ ने कहा कि आतंकियों को शहीद के तौर पर महिमंडित नहीं किया जाना चाहिए। राजनाथ के मुताबिक, न केवल आतंकियों बल्कि आतंक का समर्थन करने वाले देशों और संगठनों से भी कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। इस बयान में पाकिस्तान के लिए बिलकुल साफ मेसेज था। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे गए हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को पाकिस्तान ने शहीद घोषित करते हुए काला दिवस मनाने का फैसला किया था। [एजेंसी]