अदालत ने संदिग्ध आतंकी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को हैदराबाद में 1998 में कथित सिलसिलेवार बम धमाके की साजिश रचने के आरोप से मंगलवार को बरी कर दिया। मेट्रोपोलिटन सेशन कोर्ट जज ने इससे पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था।हैदराबाद : हैदराबाद में 1998 में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के मामले में षड्यंत्र रचने के आरोपी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को यहां एक अदालत ने मंगलवार को बरी कर दिया। मेट्रोपॉलिटिन सत्र अदालत के न्यायाधीश ने पहले इस मामले को मंगलवार तक के लिए टाल दिया था। अभियोजन पक्ष द्वारा टुंडा के खिलाफ अदालत में पर्याप्त साक्ष्य पेश न कर पाने के कारण न्यायाधीश ने टुंडा को बरी कर दिया।
अदालत ने संदिग्ध आतंकी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को हैदराबाद में 1998 में कथित सिलसिलेवार बम धमाके की साजिश रचने के आरोप से मंगलवार को बरी कर दिया। मेट्रोपोलिटन सेशन कोर्ट जज ने इससे पहले फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अभियोजन पक्ष द्वारा संदिग्ध लश्कर-ए-ताइबा के बम विशेषज्ञ टुंडा के खिलाफ पर्याप्त सुबूत पेश नहीं करने के कारण जज ने उसे बरी कर दिया। हैदराबाद में गणेश उत्सव के दौरान धमाके की साजिश रचने के आरोप में टुंडा और अन्य के खिलाफ 1998 में मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस के मुताबिक, टुंडा इसमें सहअभियुक्त था और अन्य आरोपियों को उसने बम बनाना सिखाया था। पुलिस ने उसे दुर्दांत आतंकी माना था। टुंडा देश के अन्य हिस्सों में भी हुए बम धमाके के कुछ मामलों में आरोपी है और मामले अभी लंबित हैं। फिलहाल गाजियाबाद जेल में बंद 77 वर्षीय टुंडा उन 20 आतंकियों में शामिल रहा है, जिन्हें 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान सरकार को उसके हवाले करने को कहा था।
टुंडा के लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन का सदस्य और बम बनाने में माहिर होने का संदेह है। हैदराबाद में गणेश उत्सव के दौरान विस्फोट करने का षड्यंत्र रचने के आरोप में 1998 में टुंडा और अन्य के खिलाफ यहां मामला दर्ज किया गया था। हैदराबाद पुलिस के अनुसार इस मामले में टुंडा सह षड्यंत्रकारी था और उसने कुछ अन्य आरोपियों को बम बनाने का प्रशिक्षण दिया था। टुंडा को लश्कर ए तय्यबा का कट्टर आतंकवादी माना जाता है।