नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर एक और भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। एस। शशिकांत सेंथिल ने बतौर IAS अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर रहे शशिकांत ने कहा है कि ‘मुझे लगता है कि बतौर सिविल सर्वेंट के रूप काम जारी रखना अनैतिक है जब लोकतंत्र के बुनियादी निर्माण से अभूतपूर्व तरीके से समझौता किया जा रहा है। ‘
अंग्रेजी अखबार The Hindu की एक रिपोर्ट के अनुसार सेंथिल ने कहा कि ‘आने वाले दिन राष्ट्र के मूल ताने-बाने में बेहद कठिन चुनौतियां पेश करेंगे। ऐसे में अपने काम को जारी रखने के लिए आईएएस से इस्तीफा देना ही बेहतर होगा। ‘
उन्होंने जून 2017 में दक्षिण कन्नड़ जिले के डिप्टी कमिश्नर का पदभार संभाला और जिले के सबसे सक्रिय डीसी में से एक के रूप में प्रतिष्ठित हुए। 40 वर्षीय श्री सेंथिल 2009 बैच के तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उन्होंने भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली के क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज से प्रथम श्रेणी में बीई (इलेक्ट्रॉनिक्स) सिलेबस में पास हुए।
सेंथिल ने 2009 और 2012 के बीच बेल्लारी में सहायक आयुक्त के रूप में कार्य किया और दो कार्यकालों के लिए शिवमोग्गा जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर रहे। वह चित्रदुर्ग और रायचूर जिलों के उपायुक्त भी थे। सेंथिल नवंबर 2016 से खान और भूविज्ञान विभाग में निदेशक थे।
बीते दिनों Cafe Coffe Day के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के मामले की जांच कर रहे सेंथिल, जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर इस्तीफा देने वाले दूसरे IAS हैं। इससे पहले गोपीनाथ कन्नन ने अपने पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि कश्मीर में लोगों को उनकी बात कहने का हक नहीं दिया जा रहा है।
गोपीनाथ कन्नन ने भी इस्तीफे का दावा किया था। गोपीनाथन ने कहा था कि, ‘मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहता हूं लेकिन सेवा में रहते मेरे लिये ऐसा करना नामुमकिन था। इसमें कई नियम-कायदे होते हैं। ‘
केरल के कोट्टायम (Kottayam) जिले के निवासी गोपीनाथन ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना ‘चुनी हुई सरकार का अधिकार है’ लेकिन लोकतंत्र में लोगों को ऐसे फैसलों पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार है।