अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब हिन्दू संगठनों के साथ ही सत्ताधारी बीजेपी नेताओं की तरफ से भी काशी और मथुरा की विवादित जमीनों का अधिग्रहण कर उन्हें पूरी तरह से मुक्त कराए जाने की मांग जोर शोर से उठने लगी है।
बीजेपी के फायरब्रांड नेता और राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि की विवादित जमीनों का राष्ट्रीयकरण कर उन्हें हिन्दुओं को सौंपने की मांग की है।
डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार को यह अधिकार है कि वह इन जमीनों का अधिग्रहण कर सकती है, लेकिन वह ऐसा तब करेगी, जब उसके लिए अनुकूल वातावरण बनेगा।
सुब्रह्मण्यम स्वामी के मुताबिक काशी और मथुरा की जमीनों का राष्ट्रीयकरण कर उन्हें पूरी तरह से आजाद कराने और पूरा हिस्सा हिन्दुओं को सौंपने के लिए लोगों को माहौल बनाना पड़ेगा। माहौल बनने पर ही केंद्र सरकार यह काम कर सकेगी।
प्रयागराज में रविवार को वीएचपी के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल की याद में हुए एक सेमिनार में डॉ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि भारत में भले ही 82 फीसदी से ज्यादा हिन्दू रहते हों, लेकिन सभी को अपने -अपने मजहब के हिसाब से पूजा व प्रार्थना करने की पूरी छूट है।
सभी को यह छूट मिलनी भी चाहिए और किसी को दखल नहीं देना चाहिए क्योंकि भारत में रहने वाले सभी मुसलमान भी हिन्दुओं के ही वंशज हैं।
अगर भारत के मुसलमानों का डीएनए टेस्ट कराया जाए तो वह भी हिन्दुओं की परंपरा के ही साबित होंगे।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि इतिहास ने हमेशा से हिन्दुओं के साथ अन्याय किया है। उनके योगदान को कम करके पेश किया है। अंग्रेजों ने इसी के तहत संस्कृत भाषा को कमजोर करने की कोशिश की थी।
उनके मुताबिक देश में इन दिनों हिन्दुओं के पुनरोत्थान की जरूरत है। अगर हिन्दुओं का पुनरोत्थान हो गया तो वह फिर से दुनिया पर राज कर सकेंगे।
स्वामी ने कहा कि भारत में सभी को अपनी आस्था के मुताबिक पूजा पद्धति अपनाने का अधिकार है, लेकिन हिन्दुओं के साथ जो अन्याय हुआ है, उसे दूर किये जाने की भी जरूरत है।
अरुंधति वशिष्ठ पीठ द्वारा आयोजित किये गए इस सेमिनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने भी अपनी बातें रखीं।
यह कार्यक्रम प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रीतम दास आडिटोरियम में हुआ था।