नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन का आज 75वां दिन है। वहीं, दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर आज आंदोलन का 73वां दिन है। किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने से कम पर मानने को किसी भी कीमत पर तैयार नहीं हैं। वहीं, राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने आंदोलनकारियों से अपील की है कि वे आंदोलन को वापस लें और मिलकर चर्चा करें।
हाइलाइट्स:
- राज्यसभा में पीएम मोदी ने की किसान आंदोलन को वापस लेने की अपील
- राज्यसभा के माध्यम से पीएम मोदी ने किसानों को दिया फिर से बातचीत का न्योता
- राकेश टिकैत बोले- तीनें कृषि कानून वापस ले सकरकार, MSP पर कानून बनाए
पीएम मोदी की अपील पर टिकैत ने कहा- कानून वापस हो
राज्यसभा में पीएम मोदी की अपील के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा- ‘सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर कानून बनाए।’ पीएम मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान पर टिकैत ने कहा- हां, इस देश में एक नई जमात पैदा हुई, और वह जमात किसानों की है।
मोदी ने किसानों को फिर दिया बातचीत का न्योता
पीएम मोदी ने किसानों को बातचीत का न्योता देते हुए कहा, ‘हमारे कृषि मंत्री लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं। अभी तक कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। एक-दूसरे की बात को समझने का, समझाने का प्रयास चल रहा है। हम आंदोलन करने वालों से प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है। लेकिन इस प्रकार से बुजुर्ग लोग वहां बैठे हैं, ये ठीक नहीं है आप उनको ले जाइए। आप आंदोलन को खत्म कीजिए। आगे बढ़ने के लिए मिल-बैठ करके चर्चा करेंगे। मैं सदन के माध्यम से भी निमंत्रण देता हूं।’
पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा- ‘मुझपर भी कितना हमला हुआ। हर प्रकार से जो भी कहा जा सकता है, कहा गया, लेकिन मुझे बहुत आनंद हुआ कि मैं कम से कम आपके काम तो आया। देखिए एक तो कोरोना के कारण ज्यादा जाना-आना होता नहीं होगा… फंसे रहते होंगे… और घर में भी किचकिच चलती होगी। अब इतना गुस्सा यहां निकाल दिया तो आपका मन कितना हल्का हो गया। आप घर के अंदर कितनी खुशी-चैन से समय बिताते होंगे। तो ये आनंद जो आपको मिला है… इसके लिए मैं काम आया ये भी मैं अपना सौभाग्य मानता हूं। और मैं चाहूंगा कि ये आनंद लगातार लेते रहिए। चर्चा करते रहिए… लगातार चर्चा करते रहिए… सदन को जीवंत बनाकर रखिए। मोदी है मौका लीजिए’
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का एक कथन पढ़ा जिसमें उन्होंने कृषि से जुड़े एक बड़े बाजार की वकालत की थी। पीएम मोदी ने कहा, ‘मजा ये है जो लोग पॉलिटिकल बयानबाजी करते हैं उछल-उछल के, उनकी सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में थोड़ा-बहुत तो किया ही है। किसी ने कानूनों की मंशा पर सवाल नहीं उठाए हैं। शिकायत ये है कि तरीका ठीक नहीं था… जल्दी कर दिया… ये रहता है। वो तो परिवार में शादी होती है तो फूफी नाराज होकर कहती है.. मुझे कहां बुलाया.. वो तो रहता है… इतना बड़ा परिवार है तो वो तो रहता ही है।’
पीएम मोदी ने सदन में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद की प्रशंसा करते हुए उनपर तंज भी कसा। पीएम मोदी ने कहा कि गुलाम नबी जी ने कई मसलों पर सरकार की प्रशंसा की, लेकिन मुझे डर है कि उनकी पार्टी इसे G-23 के संबंध में ना ले ले। पीएम मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा- ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी, बुद्धिजीवी, ये सारे शब्दों से परिचित हैं, लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हो गई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे… स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा। ये आंदोलनजीवी दरअसल परजीवी होते हैं।’
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा को सुनाते हुए पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस के बाजवा साहब काफी अच्छा बता रहे थे। इतना लंबा खींचकर बता रहे थे कि मुझे लग रहा था कि बस थोड़ी देर में ये इमर्जेंसी तक पहुंच जाएंगे। मुझे लग रहा था क बस एक कदम बाकी है और वह 84 तक पहुंच जाएंगे। लेकिन वह बहां तक नहीं पहुंचे। खैर कांग्रेस देश को बहुत निराश करती है, आपने भी बहुत निराश किया ।
पीएम मोदी ने विपक्षी सांसदों के भाषण पर जमकर चुटकी ली। डेरेक ओ ब्रायन के शब्दों का जिक्र कर मोदी ने कहा कि मुझे लग रहा था कि वे बंगाल की बात बता रहे हैं या फिर देश की बात बता रहे हैं। स्वाभाविक है कि वहां जो देखते-सुनते हों वहां की बात गलती से यहां बता दी हो।
अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘अच्छा होता कि अगर सभी सदस्य राष्ट्रपति जी का भाषण सुन पाते, लेकिन फिर भी राष्ट्रपति जी का अभिभाषण इतना शक्तिशाली था कि लोगों तक पहुंच गया।’
पीएम ने कहा, हमें आंदोलनजीवी लोगों को पहचानना होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं। श्रमजीवी… बुद्धिजीवी… ये सारे शब्दों से परिचित हैं। लेकिन मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से इस देश में एक नई जमात पैदा हुई है और वो है आंदोलनजीवी। ये जमात आप देखोगे वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे… स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे… कभी पर्दे के पीछे कभी पर्दे के आगे। ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी है। वो आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानना होगा।’