नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में नियंत्रण रेखा (LoC) पर आतंकियों के घुसपैठ और पाकिस्तानी सेना (Pak Army on LoC) से निबट रही भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई है। आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के तहत भारतीय सेना को 10 हजार अमेरिकन सिग सउर रायफल (American SiG Sauer assault) की पहली खेप मिलनी शुरू हो गई है। मालूम हो कि भारत ने अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को अत्याधुनिक असलहे से लैस करने के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 72,400 सिग सउर राइफलों का ऑर्डर दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, भारतीय सेना ने अपने स्नाइपर राइफलों के लिए गोला-बारूद की आपूर्ति भी शुरू कर दी है। एजेंसी की मानें तो 21 लाख से अधिक राउंड का ऑर्डर दे दिया गया है। पहली खेप में 10 हजार SiG 716 असॉल्ट राइफलें भारत पहुंचा दी गई हैं। इन्हें नार्दर्न कमांड (Northern Command) को भेजा गया है। यह कमांड जम्मू-कश्मीर में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशनों को देख रही है। यही नहीं यह कमांड पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होने वाली घुसपैठियों को रोकने पर भी काम करती है।
समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इन अत्याधुनिक राइफलों का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में किया जाएगा। ये राइफलें आतंकियों का काल बनेगी। भारत ने अमेरिका के साथ 700 करोड़ रुपये की राइफलों की डील की थी। इसके तहत अमेरिकी से भारतीय सेना को 72,400 नई असॉल्ट राइफलें मिलनी हैं। ये राइफल अमेरिकी में बनी हैं। फास्ट ट्रैक प्रॉक्योरमेंट (fast-track procurement, FTP) के तहत इनकी आपूर्ति एक साल के भीतर होनी है।
अमेरिका से खरीदी जाने वाली इन 72,400 राइफलों को तीन भागों में बांटा जाएगा। इनमें से 66 हजार राइफलें भारतीय सेना को जबकि 2000 राइफलें नौसेना और 4000 भारतीय वायुसेना को मिलनी हैं। सिग सउर राइफलें (SIG716 7.62×51) भारत में बनी 5.56×45 मिमी इंसास राइफलों की जगह लेंगी। यही नहीं भारतीय सेना को सात लाख से अधिक AK-203 असाल्ट राइफलें भी मिलनी हैं। इससे भारतीय सेना की ताकत में अभूतपूर्व इजाफा होगा। इनका उत्पादन भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत हो रहा है।