स्टॉकहोम : स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में शुक्रवार को भारतीय दूतावास के पास भीड़ को रौंदते हुए एक ट्रक डिपार्टमेंटल स्टोर में जा घुसा। हमले में चार लोग मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए। स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफेन लोफवेन ने इसे आतंकी हमला बताते हुए एक व्यक्ति की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट़्वीट कर हमले की निंदा की है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैं स्वीडन स्थित भारतीय राजदूत से संपर्क में हूं। हमला दूतावास के काफी नजदीक हुआ, लेकिन वहां के सभी अधिकारी सुरक्षित हैं।’
समाचार एजेंसी रायटर्स ने अपनी खबर में बताया, पुलिस ने कहा है कि स्टॉकहोम ट्रक हमला मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और इसमें मृतकों की संख्या चार तक पहुंच गई है। हमला मध्य स्टॉकहोम के भीड़भाड़ वाले ड्रॉटिंगटन स्ट्रीट में हुआ। इसी जगह के करीब 2010 में एक व्यक्ति ने खुद को उड़ा लिया था।घटनास्थल से भारतीय दूतावास महज सौ मीटर की दूरी पर है। भारतीय दूतावास ने बताया है कि उसके कर्मचारी पूरी तरह सुरक्षित हैं। हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट (आइएस) का हाथ होने का संदेह है।
बीते साल यूरोपीय देशों में हुए इस तरह के हमलों की जिम्मेदारी आईएस ने ही ली थी। स्वीडिश रेडियो के मुताबिक डिपार्टमेंटल स्टोर में ट्रक के घुसते ही आग लग गई। लोग बदहवास इधर-उधर भागने लगे। चश्मदीद जेन ग्रेनरॉथ ने बताया, मैं एक जूते की दुकान में था तभी जोर की आवाज सुनाई पड़ी और अचानक लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। मैंने दुकान से बाहर देखा तो एक ट्रक स्टोर में जा घुसा था। एक स्थानीय अखबार के मुताबिक हमले के लिए इस्तेमाल किया गया ट्रक एक बीयर कंपनी का है जिसे सुबह में चुराया गया था।
मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक हमले के बाद शहर में मेट्रो और ट्रेन सेवा बंद कर दी गई। इलाके को खाली करा लिया गया। गौरतलब है कि अल-कायदा ने 2010 में समर्थकों से ट्रक का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करने को कहा था। 22 मार्च को लंदन के वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर एक आतंकी ने पैदल चल रहे लोगों को कार से रौंद दिया था। हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी।
बीते साल जुलाई में फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस का जश्न मना रहे लोगों पर एक आतंकी ने नीस शहर में ट्रक दौड़ा दिया था। 86 लोगों की मौत हो गई थी। बर्लिन में दिसंबर में क्रिसमस मार्केट में हमलावर ने ट्रक दौड़कार 12 लोगों की हत्या कर दी थी। सभी हमलों की जिम्मेदारी आइएस ने ली थी।