डॉ. अब्दुल्ला 15 सितंबर 2019 से पब्लिक सेफ्टी कानून(पीएसए) के तहत नजरबंद थे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से प्रदेश के कई बड़े नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं को नजरबंद रखा गया है।
जम्मू: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पीएसए कानून के तहत हिरासत में लिए गए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को इससे से आजादी मिल गई है। हालांकि वह अब भी अपने घर में ही नजरबंद रहेंगे। यह किस अवधि तक के लिए होगा इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है। जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव(योजना) रोहित कंसल ने जानकारी दी है कि सरकार ने फारुक अब्दुल्ला के ऊपर से पीएसए कानून के प्रतिबंध हटाने के आदेश जारी किए हैं।
डॉ. अब्दुल्ला 15 सितंबर 2019 से पब्लिक सेफ्टी कानून(पीएसए) के तहत नजरबंद थे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था। यहां से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से प्रदेश के कई बड़े नेता जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं को नजरबंद रखा गया है।
सरकार द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि फारुक अब्दुल्ला पर पीएसए एक्ट तीन महीनों के लिए यानी दिसंबर तक लगा था। इसे बाद में तीन महीने और बढ़ा दिया गया। अब मार्च में वह अवधि पूरी हो रही है ऐसे में फारुक अब्दुल्ला जल्द रिहा होंगे।
नेशनल कांफ्रेंस ने बयान जारी कर कहा है कि, नेकां संरक्षक फारूक अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा किया जाना ‘जम्मू कश्मीर में वास्तविक राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल करने की सही दिशा में लिया गया कदम है’।
Rohit Kansal, Principal Secretary Planning, Jammu & Kashmir: Government issues orders revoking detention of Dr Farooq Abdullah. pic.twitter.com/hgcCOQNzcg
— ANI (@ANI) March 13, 2020