नई दिल्ली – देशद्रोह के आरोपी जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने महिला दिवस पर अपने भाषण के जरिये भारतीय सेना को निशाने पर लिया है। साथ ही उसने मोदी सरकार को भी घेरने की कोशिश की। उसने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि चाहे उनकी आवाज दबाने की लाख कोशिशें हों, लेकिन वह डंके की चोट पर कहते हैं कि कश्मीर में सुरक्षा के नाम पर महिलाओं से बलात्कार होते हैं।
हालांकि कन्हैया ने ये भी कहा कि वो सुरक्षाबलों का सम्मान करता है, लेकिन जब उसने कश्मीर का जिक्र किया तो कहा कि वहां सेना बलात्कार करती है। कन्हैया ने कश्मीर में सेना को लेकर कहा कि हम सुरक्षाबलों का सम्मान करते हुए भी बोलेंगे कि कश्मीर में सेना द्वारा बलात्कार किया जाता है। हमारे आपस में मतभेद हैं, लेकिन इस देश को बचाने और इस देश के संविधान को बचाने में हमारे कोई मतभेद नहीं है। हम आजाद हिन्दुस्तान में समस्याओं से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
कन्हैया ने खुद की तस्वीर के सोशल मीडिया में वायरल होने के मुद्दे पर कहा, ‘आज आठ मार्च है। महिला दिवस है। आज उनका नाम नहीं लूंगा। आज ही के दिन हमारी फोटो को गलत तरीके से पेश किया गया है। मैं 21 साल का हूं। मेरी दोस्त मुझे बच्चा कहती है, उसे टीचर बना दिया।’
राष्ट्रवाद पर चोट करते हुए कन्हैया ने आरएसएस और भाजपा को घेरने की कोशिश की और कहा कि ये लोग ‘देशद्रोह’ का स्टिकर लेकर घूमते हैं और जिस पर चाहते हैं चिपका देते हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि जवानों से ज्यादा बहादुर व्यापारी है। ये जो बोलते हैं उससे पलट जाते हैं। एक तरफ भारत माता की जय कहते हैं, दूसरी तरफ महिलाओं को वेश्या कहते हैं। जेएनयू देश की समस्या पर बहस करता है तो इसे खत्म करना चाहते हैं।’ कन्हैया ने कहा, ‘लोग मेरे कपड़ों पर सवाल उठा रहे हैं। कहते हैं कि इतना महंगा जैकेट पहना है, इनको पता नहीं ये जैकेट राजनाथ सिंह की पुलिस ने दिया है।’
सुरक्षाबलों पर रेप का आरोप लगाते हुए कन्हैया ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा के नाम पर महिलाओं से रेप हो रहा है। इस देश में कस्टडी में रेप होता है। मैरिटल रेप होता है। उन्होंने कहा, ‘गुजरात का उदाहरण उठाकर देख लीजिए। पहले महिलाओं का बलात्कार किया फिर मारा गया।’
गौरतलब है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने के लिए जेएनयू में नौ फरवरी को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए, जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 12 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसे छह महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया।