नई दिल्लीः कर्नाटक के विधानसभा चुनाव पर सभी की निगाहें टिकीं हुई हैं। यहां 12 मई को मतदान होना है। राज्य में सक्रिय तीन मुख्य दलों कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और जनता दल(सेक्युलर) के बीच लड़ाई है। मतदान के दिन तीनों दलों के प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो जाएगा।इस प्रतिष्ठा की लड़ाई में किसकी जीत होगी, इसको लेकर अटकलों का बाजार गरम है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को उम्मीद है कि वह इस बार देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस से एक और बड़ा राज्य झटक लेंगे। पोल्स की मानें तो दोनों ही पार्टियां सरकार बनाने के लिए जरूरी 113 सीटें नहीं ला पाएंगी।
बहरहाल कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टाइम्स नाऊ ने पोल ऑफ पोल्स कराया है। जो कि चुनाव पूर्व कई सर्वेक्षणों को जुटाकर एक सर्वे के रूप में किया गया है। तीन पोल सर्वे के आधार पर ये औसत आंकड़े निकाले गए हैं। कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने का अनुमान है। कांग्रेस 224 सीटों की विधानसभा में 93 सीटें जीत सकती है। टाइम्स नाऊ और वीएमआर के 23 अप्रैल के सर्वे में कांग्रेस 91 सीटें जीतती दिख रही थी, वहीं जैन यूनिवर्सिटी और सीएसडीएस के इसी तिथि को हुए सर्वे में कांग्रेस को 88 सीटें मिलने की बात कही गई है। हाल में एनटीवी-एनजी सर्वे में कांग्रेस के सौ सीटें जीतने की संभावना दिखाई गई हैं।
दूसरी ओर तीनों सर्वे के आधार पर निकाले गए औसत आंकड़े के मुताबिक बीजेपी 87 सीटें जीत सकती है। टाइम्स नाऊ-वीएमआर सर्वे के मुताबिक बीजेपी 89 सीटें, वहीं जैन यूनिवर्सिटी और सीएसडीएस के सर्वे में 92 और एनटीवी-एनजी के सर्वे में 80 सीटों के आंकडो़ं पर पहुंचने का दावा है।
जबकि बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही जनता दल(सेक्युलर) के सामने राज्य के इस चुनाव में प्रासंगिक बने रहने की चुनौती है।यह पार्टी पिछले दस साल से राज्य की सत्ता से बाहर है। पोल ऑफ पोल्स की भविष्यवाणी के मुताबिक जनता दल(सेक्युलर) 38 सीटें जीत सकती है। टाइम्स नाऊ-वीएमआर ने 40 सीटें दी हैं, तो जैन यूनिवर्सिटी-सीएसडीएस ने 35 और एनटीवी ने38 सीटों की भविष्यवाणी की है। कर्नाटक में 12 मई को मतदान और 15 मई को मतगणना होगी।