18.1 C
Indore
Monday, December 30, 2024

दिल की ज़ुबान बन गए आंसू टिकैत के

सत्ता समर्थित मीडिया ने 26 जनवरी की किसान ट्रैक्टर रैली के अस्त व्यस्त होने विशेषकर लाल क़िले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद जिस किसान आंदोलन को लगभग समाप्त करने की ख़बरें चलानी शुरू कर दी थीं वही आंदोलन न केवल और अधिक तेज़ बल्कि और भी विस्तृत हो गया है। इस आंदोलन से सरकार को कैसे निपटना है ज़ाहिर है सरकार के सलाहकार व रणनीति कार इस मुद्दे पर अपना काम कर रहे हैं।

स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 31 जनवरी को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लाल क़िले की घटना पर यह कहा कि -‘ दिल्ली में, 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी हुआ’ परन्तु यह सब क्यों हुआ और किसान आंदोलन क्यों चल रहा है,इस विषय पर उनका कुछ भी न बोलना किसान आन्दोलन के प्रति सरकार की ‘चिंताओं’ को दर्शाता है।

यहां तक कि लगभग डेढ़ सौ किसानों का इस आंदोलन में शहीद हो जाना और कई किसानों व किसान नेताओं का आत्म हत्या करना भी सरकार के लिए अफ़सोस ज़ाहिर करने या चर्चा करने का विषय नहीं समझा गया। परन्तु ठीक इसके विपरीत सरकार के क़दमों से व्यथित किसान नेता राकेश टिकैत का दुखी मन से सार्वजनिक रूप से आंसू बहाना सरकार व सरकारी सलाहकारों के सभी मंसूबों पर पानी फेर गया।

शायर ने शायद इन्हीं परिस्थितियों के लिए कहा है कि ‘ज़ब्त की जब दीवार गिरे और आँखों से। बह निकले सैलाब,तो साथी आ जाना’।। ज़ब्त अर्थात (सहन शक्ति/धैर्य ) और ठीक वैसा ही हुआ। जब सरकार ने दिल्ली के ग़ाज़ीपुर बार्डर के धरना स्थल की बिजली पानी बंद की और भारतीय जनता पार्टी का एक विधायक ‘आंदोलनकारी किसानों को जूते मार कर भगाने’ का ऐलान करने लगा व सारे आंदोलनकारी किसानों को आतंकवादी बताने लगा उन हालात में राकेश टिकैत की आँखों से आंसू निकलना स्वभाविक था। राकेश टिकैत के अनुसार जिस विधायक ने किसानों पर हमला करवाया और गोली व जूते मारने बातें कर रहा था वही विधायक कुछ ही दिन पहले इसी आंदोलन को न केवल समर्थन देता है बल्कि आलू,चीनी व कंबल जैसी ज़रूरत की अनेक सामग्रियां भी भिजवाता है।

परन्तु किसके इशारे पर और किस रणनीति के तहत वही विधायक किसानों पर हमलावर हो जाता है ? हैरत की बात तो यह है कि सत्ता के पिट्ठू यह सब तब कर रहे हैं जबकि किसानों पर आंदोलन के प्रारंभ से ही लगने वाले तरह तरह के लांछनों के बावजूद अभी तक पूरा आंदोलन तिपूर्ण,व्यवस्थित व अनुशासित रूप से चलाया जा रहा है। परन्तु ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर सत्ता समर्थित भीड़ द्वारा किसानों पर हमला करना और उसके बावजूद किसानों का संयमित रहना और किसानों द्वारा किसी तरह का उपद्रव करने के बजाए उनके नेता राकेश टिकैत का आंसू बहाकर अपने दिल की व्यथा को ज़ाहिर करना आंदोलन में तो जान फूँक ही गया साथ साथ सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती खड़ा कर गया। गोया राकेश टिकैत के आंसू आंदोलन के प्रवाह में सुनामी की भूमिका अदा कर गए। अब जबकि आंदोलन और भी तेज़ी से फैल रहा है और किसानों द्वारा लंबे संघर्ष की तैयारियाँ शुरू कर दी गयी हैं। सरकार भी अपने ‘एक्शन’ में आ चुकी है। देश के इतिहास में पहली बार दिल्ली की ऐसी अभेद सुरक्षा की जा रही है गोया दिल्ली को अपने ही देश के किसानों से नहीं बल्कि सीमापार के दुश्मनों से सुरक्षित रखने की तैयारी हो रही हो। कहीं कंक्रीट की दीवारें तो कहीं गहरी खाईयां,कहीं भारी भरकम घने बैरिकेड तो कहीं मोटी कीलों की सड़कों पर ढलाई। बिल्कुल ऐसा प्रतीत हो रहा है गोया दिल्ली को क़िले में परिवर्तित किया जा रहा हो।

यह उन किसानों को रोकने के नाम पर किया जा रहा है जिनके लिए प्रधानमंत्री का कहना है कि वे किसानों से एक कॉल की दूरी पर हैं,परन्तु फ़ासला इतना बढ़ाया जा रहा है कि कंक्रीट की दीवारों की ज़रूरत महसूस की जाने लगी ? सरकार द्वारा किसानों को दिल्ली पहुँचने से रोकने के लिए हरियाणा व दिल्ली के आसपास के कई क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा कहीं ठप्प तो कहीं बाधित कर दी गयी। किसानों में सरकार के इस क़दम को लेकर भी काफ़ी ग़ुस्सा देखा जा रहा है। किसान नेता सरकार के इस क़दम को तानाशाही पूर्ण व सरकार द्वारा सच्चाई को छुपाने की क़वायद बता रहे हैं।

बेशक इस देश ने पहले भी राजनेताओं के आंसू बहते देखे हैं। हर आंसू की अपनी क़ीमत और वजह रही होगी। परन्तु टिकैत के आंसू न तो इस लिए थे की उनके सामने से ‘ सत्ता की थाली’ खींच ली गयी न ही उन्हें इस बात का गिला था की उन्हें अमुक पद से क्यों वंचित रखा गया। न ही इन आंसुओं में सांप्रदायिकता व जात पात को लेकर कोई गिला शिकवा था। बल्कि यह आंसू देश के प्रत्येक किसानों के अस्तित्व व उनकी रोज़ी रोटी की चिंताओं के लिए बहने वाले आंसू थे।

इन आंसुओं के पीछे किसी तरह का पाखंड,स्वार्थ,नाटक नौटंकी था बल्कि यह आंसू प्रत्येक उन साधारण व असाधारण भारतवासियों की थाली से जुड़ी उन चिंताओं के आंसू थे जिसका असहनीय बोझ प्रत्येक देशवासियों को भविष्य में उठाना पड़ सकता है। बहरहाल,पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान व हरियाणा में खाप पंचायतों का सिलसिला जारी है। प्रत्येक पंचायतों में किसानों द्वारा अपने नेता टिकैत के आंसुओं का ज़िक्र हो रहा है। किसान समझ चुका है कि धैर्य ज़ब्त व सहनशक्ति की दीवार अब ढह चुकी है। और सैलाब बने उनके नेता के आंसू अपने साथियों को आंदोलन में शामिल होने की दावत दे चुके हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि -‘दिल की ज़ुबान बन गए आंसू टिकैत के। निकले तो चंद बूँद थे,सैलाब बन गए ?
निर्मल रानी

Related Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

स्मार्ट मीटर योजना: ऊर्जा बचत के दूत बन रहे हैं UP MLA

लखनऊ। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी RDSS (रीवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) ने एक बार फिर अपने उद्देश्य को सार्थक किया है। आम जनता के मन...

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...