आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी को चाहने वालों की लिस्ट बढ़ती ही जा रही है।
आंध्र प्रदेश के एक नवनिर्वाचित विधायक ने तो सीएम जगन को ईश्वर तक का दर्जा दे दिया और उनके नाम से ही शपथ ले ली।
नेल्लोर ग्रामीण से विधायक कोटामरेड्डी श्रीधर रेड्डी ने रविवार को मुख्यमंत्री के प्रति वफादारी दिखाते हुए सभी सीमाएं तोड़ दीं।
उन्होंने कहा, ‘मैं जगन मोहन रेड्डी को ईश्वर की तरह ही मानता हूं’। विधायक श्रीधर रेड्डी को जब प्रोटेम स्पीकर संबांगी अप्पाला नायडू ने शपथ दिलानी शुरू की तो उन्होंने ईश्वर की शपथ लेने के बजाय कहा कि वह जगनमोहन रेड्डी की शपथ लेते हैं।
इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताते हुए एक बार फिर शपथ लेने को कहा। इसके बाद श्रीधर रेड्डी ने ईश्वर की शपथ ली।
हालांकि बाद में श्रीधर ने अपनी गलती मानी और कहा कि वे जज्बाती हो गए थे। उन्होंने कहा, मैं एक ऐसे गरीब परिवार से आता हूं, जिसकी कोई राजनीतिक या वित्तीय पृष्ठभूमि नहीं रही है। ऐसे में मुझे इस पद पर बैठाना मेरे लिए सपने जैसा ही है।
विधायक श्रीधर रेड्डी ने कहा, मैं अपने नेता को ईश्वर मानता हूं तो उसमें गलती क्या है। शपथ लेने के पीछे मेरी कोई पद पाने की अभिलाषा नहीं है।
पिछले पांच सालों में मुझे जितना भी वेतन मिला है उसे मैंने गरीब बच्चों में दान किया है। उन्होंने दावा किया कि टीडीपी के कुछ विधायकों ने पहले एनटी रामाराव के नाम पर भी शपथ ली थी लेकिन उन्हें ऐसा करने से नहीं रोका गया।
गौरतलब है कि विधायक संविधान के अनुच्छेद 188 के नियमों के तहत शपथ लेते हैं। इसके तहत किसी भी विधायक को या तो ईश्वर के नाथ से शपथ लेनी होती है या फिर संविधान के नाम से।