शिवराज सरकार ने बीते 29 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। अध्यादेश में प्रलोभन, बहलाकर, बलपूर्वक या धर्मांतरण करवाकर शादी करने या करवाने वालों के लिए एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इन अपराधों के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून शनिवार से लागू हो गया। इससे संबंधित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 2020 को राज्यपाल की मंजूरी के 48 घंटे के अंदर ही प्रदेश शासन के गृह विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
शनिवार को गजट नोटिफिकेशन होते ही कानून के प्रावधान लागू हो गए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए थे।
एमपी से पहले यूपी में लव जिहाद का कानून लागू हो चुका है। रोचक है कि दोनों राज्यों में एक ही राज्यपाल के हस्ताक्षर से यह कानून लागू हुआ है। 26 नवंबर को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने यूपी में इससे संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
गुरुवार यानी 7 जनवरी को एमपी के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश, 2020 को भी उन्होंने ही स्वीकृति दी।
धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, 2020 को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन इसके रद्द होने के कारण सरकार ने अध्यादेश के जरिए कानून लाने का फैसला किया। अब अगले 6 महीनों में सरकार को इस अध्यादेश को विधानसभा से पास कराना होगा।
शिवराज सरकार ने बीते 29 दिसंबर को कैबिनेट बैठक में अध्यादेश के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। अध्यादेश में प्रलोभन, बहलाकर, बलपूर्वक या धर्मांतरण करवाकर शादी करने या करवाने वालों के लिए एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इन अपराधों के लिए अधिकतम एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।