केरल लव जिहाद मामले में नया मोड़ सामने आया, जब मुस्लिम शख्स से शादी करने वाली युवती ने कैमरे पर अपना दर्द बयां किया। उसने साफ तौर पर जाहिर किया है कि इस्लाम कबूलने से उसे कोई आपत्ति नहीं है। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक वो बतौर मुस्लिम ही मौत पाना चाहती है। युवती ने बताया कि कैसे यह मुद्दा कोर्ट चर्चा में अाने के बाद उसकी जिंदगी दोजख हो गई है। वह अपने मौजूदा परिवार के साथ खुश है लेकिन घर से नहीं निकल सकती। कहीं आ जा नहीं सकती, क्योंकि हर तरफ उसे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
युवती और उसके परिवार से बातचीत करने पहुंचे एक्टिविस्ट राहुल ईश्वर ने उनका एक वीडियो बनाया। इस वीडियो में युवती अखिला हादिया और उसकी मां दिख रही है, राहुल ने कहा कि वो युवती से मिला और जाना की आखिर उन पर बीत क्या रही है।
फिलहाल वह पति का घर छोड़कर अपने परिवार के साथ रह रही है। पूरे घटनाक्रम से आहत दिख रही हादिया ने कहा क्या मुझे इस हालत में रखा जाना काफी नहीं है? क्या मुझे पूरी जिंदगी ऐसे ही जीना पड़ेगा?
दरअसल, हादिया के शादी करने और इस्लाम कबूलने के बाद से ही वो और उसका पति विरोधियों के निशाने पर बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि करीब तीन महीने से अपने घर में ही बंद है। इतना ही नहीं हादिया का परिवार भी शर्मशार महसूस होने की वजह से कम बाहर निकलता है।
आरोप है कि लड़की को बहला-फुसला कर उससे शादी की गई है और इसी वजह से मद्रास हाईकोर्ट ने इस शादी को रद्द कर दिया। कोर्ट के फैसले के खिलाफ दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट ने ये मामला एनआईए को सौंप दिया।
एनआईए कर रही हैं मामले की गंभीरता से जांच
दरअसल, इस शादी के लव जिहाद करार होने और मद्रास हाईकोर्ट की ओर से रोक के बाद ये मामला विवादों में बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद कोर्ट ने नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनआईए) को इसकी जांच सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर एनआईए अब इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी। बताया जा रहा है कि रिटायर्ड जज आरवी रवींद्रन की देखरेख में ये जांच होगी, क्योंकि घटना के पीछे चरमपंथी हाथ होने की बात कही जा रही है।
इससे पहले कोर्ट ने केरल पुलिस को आदेश दिए थे कि वो इस केस से जुड़ी सभी जानकारी एनआईए को सौंप दे। इससे पहले कोर्ट ने पुलिस को मामले की सख्त जांच के लिए कहा था। बता दें कि ये मामला केरल का है, जिसमें हिंदू लड़की को बहला-फुसलाकर शादी करने का आरोप है।
केरल हाईकोर्ट इस शादी को रद्द कर चुका है, जहां इसे ‘लव जेहाद’ का मामला बताया था। वहीं, शादी रद्द किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुस्लिम पति का कहना है कि उसकी पत्नी(पूर्व) बालिग है और किसी से भी शादी करने के साथ ही किसी भी धर्म को मानने के लिए स्वतंत्र है।