इंदौर- मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में बरसों पुरानी धार्मिक परंपरा से जुड़े ‘हिंगोट युद्ध’ के दौरान कल रात 63 लोग घायल हो गये। विकासखंड चिकित्सा अधिकारी बीएमओ वीरें राजगीर ने बताया कि इंदौर से कोई 55 किलोमीटर दूर गौतमपुरा में रिवायती जंग के दौरान 63 लोग घायल हुए।
इनमें से एक व्यक्ति को आंख में गंभीर चोट के चलते इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय भेजा गया, जबकि मामूली रूप से घायल अन्य 62 लोगों को मौके पर ही प्राथमिक इलाज के बाद घर जाने की इजाजत दे दी गयी। उन्होंने बताया कि ‘हिंगोट युद्ध’ में घायल लोगों में ज्यादातर ‘योद्धा’ हैं, जो एक-दूसरे पर बारूद भरी ‘हिंगोट’ दाग रहे थे।
राजगीर ने बताया कि ‘हिंगोट युद्ध’ के मद्देनजर गौतमपुरा में तीन डॉक्टरों समेत 14 चिकित्सा कर्मियों की टीम तैनात की गयी थी। जरूरत पडऩे पर घायलों को फौरन अस्पताल पहुंचाने के लिये तीन एम्बुलेंस को भी तैयार रखा गया था।
‘हिंगोट’ दरअसल आंवले के आकार वाला एक जंगली फल है। फल का गूदा निकालकर इसे खोखला कर लिया जाता है। फिर इसमें कुछ इस तरह बारूद भरी जाती है कि आग दिखाते ही यह किसी अग्निबाण की तरह सर्र से निकल पड़ता है।
गौतमपुरा में दीपावली के अगले दिन यानी विक्रम संवत की कार्तिक शुक्ल प्रथमा को हिंगोट युद्ध की परंपरा निभायी जाती है। गौतमपुरा के योद्धाओं के दल को ‘तुर्रा’ नाम दिया जाता है, जबकि रुणजी गांव के लड़ाके ‘कलंगी’ दल की अगुवाई करते हैं। दोनों दलों के योद्धा रिवायती जंग के दौरान एक-दूसरे पर ‘हिंगोट’ दागते हैंं। इस जंग में हर साल कई लोग घायल होते हैं।
माना जाता है कि प्रशासन ‘हिंगोट युद्ध’ पर इसलिये पाबंदी नहीं लगा पा रहा है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय लोगों की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।