मण्डला : मण्डला में 11 अगस्त को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के मतदान के पहले राजनैतिक पारा चढ़ गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों में कुछ बागी उम्मीदवार मैदान में उतरकर अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिये मुसीबत बन गये हैं। कांग्रेस ने तो अभी अनुशासन का डण्डा नहीं चलाया है, लेकिन भाजपा ने अनुशासन का डण्डा चलाते हुये अपने सभी बागी उम्मीदवारों व उनका समर्थन कर रहे पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं पर निलंबन का चाबुक चला दिया है।
मण्डला नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिये भारतीय जनता पार्टी की पूर्व घोषित प्रत्याशी अर्चना जैन को हटाकर आखिरी मौके पर निधि जयदत्त झा को अपना प्रत्याशी बना दिया था, जिसके बाद अर्चना जैन ने नाराज होकर बगावत का झण्डा बुलंद करते हुये निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान पर उतर गयी थीं। उनके सख्त तेवर देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल था कि वे जल्द ही अपने कदम पीछे खींच लेंगी। गुरूवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब मण्डला पहुंचे तो उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में रोड शो और जनसभा करने के बाद अर्चना जैन से मुलाकात की। प्रभारी मंत्री संजय पाठक के साथ मुख्यमंत्री अर्चना जैन के घर पहुंचे, जिसके बाद अर्चना के तेवर नरम पड़े और उन्होंने मैदान से हटने के संकेत दिये। स्थिति साफ दूसरे दिन हुई, जब नगर के प्रमुख चौराहों पर उनके चुनाव प्रचार के पोस्टर और फ्लैक्स हटा लिये गये। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अर्चना जैन को जो समर्थन और सहानुभूति मिल रही थी, उनके इस कदम के बाद सोशल मीडिया में विपरीत प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
इनका हुआ निलंबन –
भारतीय जनता पार्टी ने अर्चना जैन को तो मान मनुव्वल कर मना लिया गया, लेकिन अन्य बागियों का उन्होंने निष्कासन कर दिया। भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशियों के विरूद्व चुनाव लडऩे वाले भाजपा नेताओं और संगठन के विरूद्व कार्य करने वाले नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। पार्टी के इस दोहरे रवैये पर लोग सवाल उठा रहे हैं। भाजपा ने जिन लोगों को पार्टी के विरूद्व गतिविधियों में शामिल होने के चलते निलंबित किया है, जिसमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बालकिशन खण्डेलवाल, सतीश चैरसिया नैनपुर, जिला पंचायत सदस्य श्रीमति अंगुरी बाई झारिया, पूर्व नगरपंचायत अध्यक्ष कुसुम लाल झारिया, भाजपा नगर उपाध्यक्ष रितेश राय भी शामिल हैं। नैनपुर नगरपालिका में भाजपा के अधिकृत अध्यक्ष प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडने वाले प्रदीप चैरसिया, श्रीमति राजकुमारी गुप्ता, अशोक वर्मा एवं चन्द्रकुमार सेन, मण्डला नगर से भाजपा के पार्षद प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडने वाले प्रहलाद सोनी, कैलाश भांगरे, जितेन्द्र बर्वे, संजय दुबे, श्रीमति इंदिरा सोनवानी, जयप्रकाश बिलैया, रितेश राय, बम्हनी नगरपंचायत के श्रीमति अनीता सोनी, श्रीमति रूपकुमारी झारिया, भीखम यादव, श्रीमति कुसुमलता झारिया, नगर परिषद बिछिया के राजेश झारिया, श्रीमति भोली बाई सिंगौर, सौरब अग्रवाल, आशीष शिवहरे, गेंदलाल विश्वकर्मा, को संगठन द्वारा लगातार समझाने के बाद भी पार्टी विरोधी कार्य में संलग्न रहने एवं भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध चुनाव लडने के कारण संगठन द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए इन्हें पद एवं प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया।
माता – पिता का दिया है साथ –
पार्टी द्वारा निलंबित किये गए नेताओं में बम्हनी बंजर से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहीं रूपकुमारी झारिया के पति कुसुम लाल झारिया जो कि नगर पंचायत बम्हनी बंजर के अध्यक्ष थे औ उनकी बेटी जिला पंचायत सदस्य व महिला एवं बाल विकास व स्वास्थ्य समिति की सभापति अंगूरी झारिया शामिल हैं। पार्टी के इस निर्णय से अंकुरी आहत हैं औ उनका कहना है कि पार्टी द्वारा उनकी मां को टिकिट दिया जाना था, जो नहीं दिया गया। मैंने अपने माता पिता का साथ दिया है। इनकी वजह से ही मैंने जिला पंचायत का चुनाव भी जीता है और उनका साथ देना मेरा फ़र्ज़ है। पार्टी का अपना नजरिया है। पार्टी ने जो निलंबन की कार्यवाही की है उस पर मुझे कुछ नहीं कहना है।
सभी को समझने का किया गया था प्रयास –
इस पूरे मसले पर सफाई देते हुये भाजपा जिलाध्यक्ष रतन सिंह ठाकुर ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की अपनी अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं, लेकिन देश, पार्टी और संगठन के हित में हमें निर्णय लेने पड़ते हैं। टिकिट के कई दावेदार होते हैं, लेकिन टिकिट कोई एक को ही दी जा सकती है। हमने बेहतर प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशियों के विरूद्व पार्टी के जो भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता चुनाव में उतरे हैं, उन्हें पर्याप्त समझाईश दी गयी इसके बावजूद जो नहीं माने उनके विरूद्व निलंबन की कार्यवाही की गयी है। अर्चना जैन को मनाने और सभी को बाहर का रास्ता दिखाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी को मनाने का पूरा प्रयास किया गया और मुख्यमंत्री स्वयं भी पार्टी के एक कार्यकर्ता हैं, जिस नाते वो अर्चना जैन से मिलने उनके घर गये थे। जिसके बाद इस पूरे मामले से पटाक्षेप हो गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसका फायदा भाजपा को मिलेगा और भाजपा जिले की तीन नगर पंचायत और दोनों नगरपालिका में जीत दर्ज कर नगर की सत्ता में काबिज होंगे।
@सैयद जावेद अली