मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बलात्कार के लिए 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम के कई अनुयायी समलैंगिक थे। इंडिया टुडे ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के करीबियों के हवाले से लिखा है कि डेरा प्रमुख पुरुष सेवकों को नपुंसक बनवा देता था और कुछ लोग खुशनसीब थे वही इससे बच पाए लेकिन ऐसे लोग समलैंगिक बन चुके थे।
डेरा सच्चा सौदा में छह साल काम करने का दावा करने वाले गुरदास सिंह तूर ने इंडिया टुडे से कहा कि पुरुष अनुयायियों पर महिलाओं से घुलने-मिलने पर लगी पाबंदी के कारण वो समलैंगिक बनने को मजबूर होते थे। तूर ने इंडिया टुडे से कहा, “गुरमीत राम रहीम दूसरे मर्दों से जलता था और उन्हें महिला अनुयायियों से मिलने-जुलने नहीं देता था।”
तूर के अनुसार गुरमीत राम रहीम अपने पुरुष अनुयायियों को उनकी पत्नियों को “बहन” बोलने पर मजबूर करना पड़ता था। तूर ने बताया कि पुरुष अनुयायियों को साध्वियों से साथ पकड़े जाने पर सजा भी देता था। गुरमीत राम रहीम ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करके गधे की सवारी करने को भी कहता था।
कुछ अनुयायियों को उसने महिलाओं से मिलने के लिए थप्पड़ भी मारे थे। गुरदास सिंह तूर ने बताया कि उसने खुद भी कई पुरुष अनुयायियों को “आपत्तिजनक स्थिति” में देखा था। इंडिया टुडे ने डेरा सच्चा सौदा से जुड़े कई लोगों से बात करके इसकी पुष्टि की।
गुरमीत राम रहीम को दो साध्वियों का बलात्कार करने के लिए सीबीआई अदालत ने 20 साल कठोर कारावास और 30 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी है। सजा सुनाए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम हरियाणा के सिरसा जेल में है। मीडिया रिपोर्ट में खबर आई कि गुरमीत राम रहीम सेक्स एडिक्ट है और इस वजह से जेल में उसकी तबीयत नासाज है। मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि जेल की महिला कर्मचारियों को गुरमीत राम रहीम से दूर रहने के लिए कहा गया है।
गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद उसके आश्रम में पड़े छापे में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट में डेरे के पूर्व कर्मचारियों के हवाले से दावा किया गया कि राम रहीम के आश्रम में लोगों को मार कर दफना दिया जाता था। इस खबर के आने के बाद डेरा संचालकों ने बयान दिया कि गुरमीत राम रहीम लोगों से शव दान में लेता था और उन्हें डेरा परिसर में दफनाया जाता था।