लखनऊ- बसपा सुप्रीमो मायावती केन्द्र सरकार और यूपी की सपा सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि यूपी में एक नहीं कई मुख्यमंत्री हैं और भाजपा का दलित प्रेम एक ढोंग हैं। उन्होंने मांग की कि केन्द्र सरकार को चाहिए कि अपर कास्ट के गरीब लोगों को आरक्षण दिलाने के लिए संविधान में संशोधन करे।
उन्होंने यह भी वादा किया कि अब की बार यूपी में बसपा की सरकार पूर्ण बहुमत से आएगी और वह पूरी तौर से विकास का काम कराएगी। कानून व्यवस्था ऐसी सुधारेगी कि लोग हमेशा याद रखेंगे।
सपा सरकार के चार साल और केन्द्र की भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा दोनो खोटे सिक्के के अलग अलग पहलू हैं। अब इनका कोई उपयोग नहीं है। जनता इन दोनों पार्टियों से उब चुकी है। अब नए नतीजे देने के लिए जनता तैयार बैठी है।
मायवती ने कहा कि गोंडा के कर्नलगंज में दंगे लिए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की सरकार याद की जाएगी तो मुजफफरनगर, सहारनपुर, मेरठ, बरेली, बागपत दंगे और अब मथुरा कांड के लिए सपा सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव याद किए जाएंगे।
करीब 50 मिनट की प्रेस वार्ता में उन्होंने किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया। केवल वही बोलीं। आज उन्होंने सपा बसपा और कांग्रेस पर हमले किए। बसपा सुप्रीमो मायावती ने केन्द्र की भाजपा सरकार को एक बार फिर दलित विरोधी करार दिया है। दलितों को भाजपा से सावधान रहने की हिदायद देते हुए उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का स्टैण्ड अप इण्डिया आदि कार्यक्रम मात्र चुनावी ड्रामेबाजी के सिवाय कुछ नहीं है।
मायावती ने कहा कि भाजपा और उसकी केन्द्र की सरकार अपनी संकीर्ण, जातिवाद व कट्टरवादी रवैये के साथ- ही-साथ अपनी गलत नीति व कार्य-प्रणाली के कारण लोगों का विश्वास बहुत तेजी से खोती जा रही है, जिस कारण लोगों का ध्यान बांटने के लिये अब उसे नये-नये शिगूफे व नई-नई पैंतरेबाजी करनी पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मायावती ने कहा कि फिल्म बनाने और विज्ञापन करने से इंडिया नहीं बदलने वाला। नया चकता सूरज तब ही निकलेगा जब काम किया जाएगा।
मायावती ने कहा है कि इस बार सरकार आने पर बसपा स्मारक नहीं बनाएगी बल्कि विकास कराएगी। शिक्षा के क्षेत्र में, रोजगार दिलाने के लिए और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बसपा इस बार अदभुत काम करेगी। कानून व्यवस्था बसपा की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। लेकिन इस बार सभी विकास के पहलू भी बसपा सरकार की प्राथमिकता पर होंगे। बेरोजगारों को नौकरी दिलाना भी बसपा की प्राथमिकता होगी। मायावती ने कहा कि सर्वसमाज के गरीबों खासकर दलितों, आदिवासियों व समाज के अन्य उपेक्षित वर्ग के लोगों को तत्काल रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ उन्हें उनका पहले से लागू कानूनी हक सही तरीके से देने के प्रयास को एक प्रकार से बन्द ही कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में सबसे जरूरी कदम सरकारी नौकरियों में खाली पड़े हजारों आरक्षित पदों को भरने का होना चाहिये था, किन्तु पिछले दो वर्षों के कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने कांग्रेस की ही जातिवादी तर्ज पर काम करते हुये, आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाकर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से भागने का काम किया है।
@शाश्वत तिवारी