लखनऊ- बसपा सुप्रीमो मायावती अपने ही खेमे में अपनी ही पार्टियों के पूर्व सदस्यों के निशाने पर हैं ! बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने भी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर आरोप लगाया कि वह हर चुनाव के पहले टिकट बंटवारे को एक व्यवसाय बना देती हैं !
गौरतलब है कि मायावती ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर स्वंय के लगाए आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य कई बार पार्टी लाइन से इतर बयानबाज़ी करते रहे हैं और इससे पहले भी उन्होंने कई बार अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांगा था ! मायावती का कहना था, ”2014 में मौर्य ने अपनी बेटी को टिकट दिलवाया. इस बार भी उन्होंने 2017 में अपनी बेटी और खुद के लिए टिकट मांगा था !”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी का टिकट नीलाम करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके कुछ ही घंटे बाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष राम विलास पासवान ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया “मायावती ने दलितों के हित के लिए कभी काम नहीं किया है। उन्होंने टिकट बंटवारे को हमेशा व्यवसाय बनाया है।”
पासवान और मायावती दोनों दलितों के कल्याण के लिए काम करने का दावा करते हैं। पासवान ने बिहार में अपनी जड़ें जमा रखी हैं वहीं बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश में निश्चित रूप से मजबूत हैं।
पासवान ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी लोजपा के भाजपा के साथ तालमेल करके चुनाव लड़ने में भी रुचि दिखाई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ने के पहले कहा, “उनका दम घुट रहा था।” उन्होंने कहा कि मायावती पार्टी का टिकट बेच रही हैं और उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम की विचारधारा का परित्याग कर दिया है।
मौर्य ने कहा कि पार्टी में टिकट केवल बेचा नहीं जा रहा, बल्कि नीलाम किया जा रहा है।
मायावती ने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा कि मौर्य केवल अपने परिवार के सदस्यों के लिए विधानसभा का टिकट चाहते थे।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि चुनाव करीब आने पर टिकट के दाम बढ़ जाते हैं। मायावती को कभी भी दलित ज्यादा पसंद नहीं रहे केवल पैसा पसंद रहा।
मायावती पर मौर्य के बाद पासवान ने लगाए आरोप
Mayawati never enamoured of Dalits but only with money: Ram Vilas Paswan