”एक गलत इल्जाम और सब ने सब कुछ भुला दिया” फिल्म ‘अजहर’ का ये फेमस डॉयलाग पूरी तरह से कलाइयों के जादूगर मोहम्मद अज़हरुद्दीन के जीवन को परिभाषित करता है। टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों में से एक और वंडर ब्वॉय के नाम से विख्यात अजहरूद्दीन का आज जन्मदिन है। 8 फरवरी 1963 को हैदराबाद में हुआ जन्म क्रिकेट की दुनिया के इस नायाब सितारे ने अपने खेल से कामयाबी की वो बुलंदी देखी जहां हर किसी का पहुंचना आसान नहीं था।
8 फरवरी 1963 को हैदराबाद में जन्में अजहर की फैमिली में दूर-दूर तक किसी का क्रिकेट से वास्ता नहीं था। लेकिन मोहम्मद अज़ीज़ुद्दीन और यूसुफ़ सुल्ताना के इस नायाब बेटे ने तो इतिहास रचने के लिए ही शायद जन्म लिया था।
21 साल की उम्र में पहनीं टेस्ट कैप ना बल्ला ना जूते और ना ही कोई कोचिंग, था तो केवल एक जूनून जिसने अजहर को क्रिकेट के मैदान से भारत का स्टार क्रिकेटर और कैप्टन बनाया। एक वक्त था जब दौलत-शौहरत अजहर के कदम चूमती थी। मात्र 21 साल की उम्र में 1984 में भारत के लिए टेस्ट कैप पहनने वाले अजहर का एक जुदा अंदाज था, उनकी चलने की स्टाइल से लेकर कॉलर को ऊंचा रखने तक की अदाएं लोग कॉपी करते थे। मैच फिक्सिंग के चलते अजहर का करियर खत्म लेकिन इस सुनहरी बुंलदी को नजर तब लगी जब मैच फिक्सिंग जैसे काले बादल ने अजहर को अपनी चपेट में लिया।
साल 2000 में उन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा और इसने उनके कैरियर को हमेशा के लिए खत्म कर दिया और उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया जो 2012 तक जारी रहा, इस दौरान अजहर ने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देखे, उनकी पर्सनल लाइफ भी लोगों के बीच हॉट टॉपिक बन गई लेकिन एक फाइटर की तरह जिंदगी के मैदान में भी अजहर डटे रहे।
लोग भूल गए उनकी कामयाबी
इस दौरान साल 2009 में उन्होंने राजनीतिक पारी भी शुरू की और मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। हालांकि साल 2012 में वो सारे आरोपों पर बरी हो गए लेकिन इस दौरान लोगों ने उनकी सारी उन कामयाबी को भूला दिया जिसने कभी भारत का सीना फक्र से चौड़ा किया था।
मोहम्मद अजहरुद्दीन को दुनिया के सबसे बेहतरीन फिल्डरों में गिना जाता है। मैदान में अजहरुद्दीन की सफलता देखते ही बनती थी। उनके हाथ में गेंद इस तरह से आती थी मानों उनके हाथ में चुंबक हो। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अजहर ने टेस्ट मैच में 105 और वनडे में 156 कैच लपके।
अपनी कलात्मक बल्लेबाजी के कारण मशहूर मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टीम इंडिया ने कई मैच जीते। अजहर भारतीय टेस्ट टीम में 1990 से 99 तक कप्तान रहे। अजहर की कप्तानी में टीम इंडिया ने कुल 47 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 14 मैच में जीत और 14 मैचों में हार मिली। वहीं 174 वनडे में 90 मैचों में जीत और 76 मैचों में हार मिली।
अजहरुद्दीन ने अपने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट कॅरियर की शुरुआत 1984-85 में इंग्लैंड के विरुद्ध की थी। उन्होंने 99 टेस्ट मैचों में 45.03 की औसत से कुल 6215 रन बनाए हैं। इसमें 199 रन उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर रहा है। अजहरुद्दीन ने टेस्ट मैचों में 22 शतक एवं 21 अर्धशतक लगाए हैं।
उन्होंने अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत 1985 में इंग्लैंड के विरुद्ध बेंगलूरु में की थी। 334 एकदिवसीय मैचों की 308 पारियों में 54 बार नाबाद रहते हुए 36.92 की औसत से कुल 9378 रन बनाए हैं। इसमें नाबाद 153 रन उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर रहा है। अजहरुद्दीन ने एकदिवसीय मैचों में 7 शतक एवं 58 अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने 229 प्रथम श्रेणी मैचों में 51.98 की औसत से कुल 15,855 रन बनाए हैं।