मंडला- मध्य प्रदेश के मंडला जिले में एक बार फिर पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है। खाकी के नशे में चूर पुलिसकर्मियों पर निर्दोष लोगों को करंट लगाकर टार्चर करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 20 अप्रैल की सुबह अंजनिया पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत गंगोरा गाँव में खेत पर कामता प्रसाद का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज़ तो कर लिया लेकिन करीब डेढ़ महीने गुजरने के बाद भी पुलिस इस हत्या की गुत्थी नही सुलझा सकी है।
पुलिस ने इस मामले की तह तक पहुंचने मृतक के परिजनों समेत गाँव के करीब 60 लोगों से पूछतांछ की है। पुलिस पर पूँछ ताछ के नाम पर गाँव वालों को प्रताड़ित करने और करेंट लगने के भी आरोप लग रहे है।
कामता प्रशाद की हत्या ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन गई है। पुलिस पूँछ ताछ के नाम पर ग्रामीणों को बुलाकर बिजली के झटके तक दे रही है। मृतक के भाई संतोष हरदहा सहित अन्य ग्रामीणों का आरोप है कि अंजनिया चौकी प्रभारी अभिषेक उपाध्याय पूछतांछ के बहाने लॉक अप में बंद कर करंट लगा लगाकर बड़ी बेरहमी से प्रताड़ित किया है। इतना ही नही ग्रामीणों ने पुलिस पर टार्चर के दम पर कोरे कागज़ में दस्तखत करवाने का भी आरोप लगाया है।
हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने मृतक कामता के सगे भाई संतोष को भी टार्चर करने में कोई कसर नही छोड़ी है। कामता हरदहा की हत्या की घटना से पूरे परिवार में दहशत और शोक व्याप्त है वहीँ पुलिस मृतक के छोटे भाई पर ही शक करते हुये करंट के झटकों से खूब टार्चर किया। अपने बड़े भाई को खो चुका संतोष जब पुलिस की थर्ड डिग्री को याद करता है तो वो भावुक हो जाता है। मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने अंजनिया और बम्हनी पुलिस पर लापरवाही और टार्चर करने का आरोप लगाते हुये मामले की शिकायत एसपी,कलेक्टर और आईजी से की है।
संतोष के पडोसी दो नंदा भाई गिरीश और विजय नंदा जिन्हें पुलिस अब तक संदेही मानकर टार्चर करते आई है उनमे से एक ने तो पुलिस द्वारा रोज रोज की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन समय रहते ग्रामीणों ने उसे रोक लिया। कामता के मर्डर के बाद गाँव में दहशत का माहौल बना हुआ है। नंदा भाइयो का कहना है कि पुलिस के टॉर्चेर से उनका शरीर बुरी तरह टूट चुका है। पुलिस की मार से ये अब ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे है। इन दोनों नंदा भाइयों का आरोप है कि पुलिस उनसे अपनी मर्ज़ी के ब्यान देने के लिए दबाव बना रही है। पुलिस के मुताबिक ब्यान न देने की वजह से बार बार प्रताड़ित कर रही है।
वहीँ पुलिस के आला अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर अपने अधीनस्थ अमले को क्लीन चिट देते नज़र आ रहे है। अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ओंकार कलेश का कहना है कि मृतक के घर से करीब डेढ़ सो मीटर दूर उसका शव मिला था। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान भी थे। इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर एसआईटी का गठन कर उसे जाँच सौप दी गई है। चूँकि हत्या हुई है और कुछ लोगों पर संदेह है इसलिए इसलिए पुलिस पूँछ तांछ तो करेगी ही ये प्रताड़ना नहीं तफ्तीश का हिस्सा हैं।
जांच और पूछतांछ के नाम पर प्रताड़ित करने के आरोप अक्सर पुलिस पर लगते रहे हैं,हत्या के आरोपियों से सच उगलवाने में पुलिस को कितनी मशक्कत करनी पड़ती है इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है लेकिन मंडला पुलिस के टार्चर का यह तौर तरीका किसी के गले नही उतर रहा है।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली