बीजापुर : जिले के आवापल्ली थाना क्षेत्र से पत्रकारों की हत्या की धमकी से जुड़े कुछ पर्चे और बैनर बरामद होने की खबर है। माओवादियों के दक्षिण बस्तर सचिव हिड़मा के नाम से जारी इस पर्चे व बैनर में उसूर तहसीलदार रामसिंह सोरी, पटवारी जयंत हेमला, बीजापुर विधायक व वन मंत्री महेश गागड़ा के साथ ही पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई है। लिखा है कि मुठभेड़ की गलत तरीके से खबर प्रकाशित व टीवी चैनलों पर प्रस्तुत करने वाले पत्रकारों को बख्शा नहीं जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार आवापल्ली थाना क्षेत्र के उसूर तहसील कार्यालय परिसर से पुलिस ने 13 नवंबर की सुबह एक बैनर व कुछ पर्चे बरामद किए हैं। इसमें जिले के पत्रकार सांई रेड्डी की हत्या का जिक्र करते अन्य पत्रकारों के साथ भी वैसा ही सलूक करने की धमकी दी गई है।
वहीं उसूर तहसीलदार और पटवारी पर पुलिस के साथ घनिष्ठ संबंध के आरोप लगाते हुए उनसे दूर रहने की चेतावनी दी गई है। बैनर-पर्चों को जब्त करने के साथ आवापल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मामला पत्रकारों की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक अफसर-कर्मी और मंत्री से जुड़ा होने से पुलिस प्रत्येक पहलुओं की सूक्ष्मता से जांच कर रही है।
हालांकि पुलिस प्रथमदृष्टया इसे असामाजिक तत्वों की करतूत भी मान रही है। बैनर और पर्चे में राइटिंग, लेखन शैली, शब्दों का चयन के अलावा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के हिड़मा के नाम का उल्लेख है। पुलिस का मानना है कि सुकमा जिले में कसालपाड़, बुरकापाल जैसे बड़े हमले को अंजाम देने वाले हार्डकोर माओवादी हिड़मा के नाम से कोई भी पर्चा या बैनर जारी नहीं हुआ है।
बैनर में पश्चिम बस्तर के बजाए दक्षिण बस्तर का उल्लेख भी संदेह को जन्म दे रहा है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस गंभीरता से पड़ताल कर रही है और जल्द ही असलियत उजागर करने का दावा भी कर रही है।
उसूर तहसीलदार रामसिंह सोरी ने कहा कि पर्चे-बैनर में कथित तौर पर मेरे नाम का उल्लेख भी है। लिहाजा मेरे द्वारा उच्चाधिकारियों के संज्ञान में यह बात लाई गई है। जब तक बैनर-पर्चे की असलियत उजागर नहीं हो जाती, मुझे नक्सलियों से खतरा है या नहीं, इस पर कुछ नहीं कह सकता।
उधर विवेचना अधिकारी आवापल्ली थाना किशोर तिवारी ने बताया कि जब्त पर्चे व बैनर में कथित रूप से विधायक महेश गागड़ा, तहसीलदार रामसिंह सोरी, पटवारी के अलावा पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई है। इसकी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि इसमें माओवादियों का हाथ है या यह असामाजिक तत्वों की करतूत है।