नई दिल्ली- गौरक्षा के नाम पर दलितों और महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी की घटनाओं से घिरी केंद्र सरकार पर उनके अपने मंत्री रामदास अठावले ने भी गुस्सा दिखाया है। उन्होंने कहा कि गौरक्षा के साथ ही मानवों की रक्षा जरूरी है।
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वहीँ केन्द्रीय राज्य मंत्री और दलित नेता रामदास अठावले ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोलते हुए कहा है कि वे दलित वोट के लिए राजनीति करती हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद को दलितों का नेता बताती हैं और अंबेडकर की अनुयायी भी, तो वह बौद्ध धर्म क्यों नहीं अपना लेतीं। वह मनुवाद की आलोचना तो करती हैं, लेकिन अभी तक हिंदू ही हैं।
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अठावले ने कहा कि पीएम मोदी दलित विरोधी नहीं है, कुछ नेताओं की वजह से पीएम की छवि को खराब करने की साजिश हो रही है, जो कभी सफल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मायावती को गाली देने वाले दयाशंकर को निकालकर बीजेपी ने सही कदम उठाया है।
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अठावले ने आज कहा कि गौ रक्षा के लिए इंसानों की बलि की कीमत पर नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से यह मांग की कि गुजरात के उना में गौ रक्षा के नाम पर जो कुछ हुआ वह दुबारा नहीं होना चाहिए।
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उन्होंने उना की घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि मैं गौ रक्षकों से यह कहना चाहता हूं कि गौ हत्या के विरुद्ध कानून हैं, इसलिए आप गौ रक्षा करें, लेकिन इसके लिए आप मानव हत्या क्यों कर रहे हैं। अगर आप सिर्फ गौ रक्षा करेंगे तो मानव रक्षा कौन करेगा।