नई दिल्ली : यूपी चुनाव के बाद इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को लेकर लगातार लग रहे छेड़छाड़ के आरोपों को देखते हुए चुनाव आयोग अगली पीढ़ी की ईवीएम खरीदने पर विचार सकता है। नई एम3′-टाइप ईवीएम में वर्तमान में इस्तेमाल की जा रही ईवीएम के मुकाबले कई नए फीचर होंगे। इसका अपना सेल्फ डायग्नोस्टिक सिस्टम होगा जो इसे सबसे खास बनाएगा।
अगर इसमें छेड़खानी (टेम्परिंग) की गई तो ये काम करना बंद कर देगी। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान कई पार्टियों ने ईवीएम में टेम्परिंग की शिकायत की थी। हाल ही में मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम में अलग-अलग बटन दबाने पर कमल का निशान प्रिंट होने की बात सामने आई थी
नई ईवीएम एक खास किस्म के म्यूचुअल ऑथेंटिकेशन सिस्टम पर आधारित पब्लिक की इंटरफेस से लैस होगी।
राज्य कानून मंत्री पीपी चौधरी के अनुसार चुनाव आयोग ने ‘एम3’-टाइप ईवीएम की जानकारी सदन में दी है। आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नई ईवीएम इस प्रकार की होगी कि इससे किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। नई ईवीएम को खरीदने में कुल 1.940 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। 2018 तक चुनाव आयोग इन नई मशीनों की व्यवस्था कर लेगा।
चौधरी ने बताया कि चुनाव आयोग ने 2006 से पहले की खरीदी गई 9,30,430 ईवीएम को बदलने का फैसला किया है। इन ईवीएम ने 15 साल से ऊपर की समय सीमा पूरी कर ली है। पिछली साल के 7 दिसंबर को कैबिनेट ने नई ईवीएम के लिए 1,009 करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया था। इन ईवीएम को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बदला जाएगा।
कैबिनेट ने चुनाव आयोग से कहा है कि बीईएल और ईसीआईएल दोनों कंपनियों को उनके पिछले प्रदर्शन और क्षमता को देखकर ही ऑर्डर दिया जाए। पिछली 20 जुलाई को चुनाव आयोग द्वारा 9,200 करोड़ रुपये की 14 लाख नई ईवीएम खरीदने की अपील को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।