नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहती है। इसके लिए सरकार देशभर में बुनियादी ढांचे के विकास में जोर-शोर से जुटी हुई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार ने एक महीने में सड़क निर्माण से जुड़े 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए हैं। इतना ही नहीं हम सड़क निर्माण के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल हुए हैं। गडकरी ने किन-किन रिकॉर्ड के बारे में बताया, यहां जानें विस्तार से।
पहला रिकॉर्ड
हर दिन 37 किमी सड़क का निर्माण
लखनऊ में एक फ्लाईओवर के शिलान्यास के मौके नितिन गडकरी ने शुक्रवार को बताया कि कि भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से सड़क निर्माण का रिकॉर्ड बनाया है। गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2020-21 में 13394 किलोमीटर हाईवे का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में शानदार प्रगति हुई। हमने रोजाना 37 किलोमीटर सड़क निर्माण का काम किया। ये उपलब्धियां हमारे लिए बेजोड़ हैं और दुनिया के किसी भी देश में ऐसी समानता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौर में यह उपलब्धी हासिल की गई है।
दूसरा रिकॉर्ड
24 घंटे में 2.5 किमी 4-लेन हाइवे का निर्माण
इससे पहले फरवरी के महीने में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एचएचएआई) के एक कॉन्ट्रैक्टर पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 24 घंटे में चार लेन वाले राजमार्ग पर सबसे अधिक मात्रा में कंक्रीट बिछाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस कंपनी ने दिल्ली-वडोदरा-मुंबई 8-लेन एक्सप्रेसवे के 2.5 किलोमीटर से अधिक लंबे हिस्से पर 24 घंटे में कंक्रीट का रोड बना डाला। 24 घंटे के भीतर 2,580 मीटर लंबाई के चार-लेन राजमार्ग के लिए फुटपाथ क्वालिटी कंक्रीट (PQC) बिछाने के लिए रिकॉर्ड स्थापित किया गया था। इस दौरान 24 घंटे में 48,711 वर्ग मीटर कंक्रीट को बिछाया गया।
तीसरा रिकॉर्ड
18 घंटे में 25.5 किलोमीटर का कोलतार सड़क
केंद्रीय मंत्री ने सड़क निर्माण क्षेत्र में एक और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाने के बारे में बताया। एनएचएआई के एक कॉन्ट्रैक्टर ने 18 घंटे में 25.54 किलोमीटर के सिंगल लेन कोलतार सड़क का निर्माण किया था। यह सोलापुर-बीजापुर (एनएच-52) के बीच बन रहे 4-लेन हाइवे का हिस्सा है।
‘नेशनल हाईवे की लंबाई 50 फीसदी बढ़ी’
गडकरी ने यह भी बताया कि पिछले सात साल से अधिक समय में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 50 फीसदी तक बढ़कर 20 मार्च, 2021 तक 1,37,625 किलोमीटर हो गई जो कि अप्रैल 2014 में 91,287 किलोमीटर थी।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 (31 मार्च को) की तुलना में वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में चालू परियोजना कार्यों की संचयी लागत 54 फीसदी बढ़ गई है। कुल बजटीय परिव्यय वित्त वर्ष 2015 में 33,414 करोड़ से 5.5 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 1,83,101 करोड़ रुपये हो गया।