नई दिल्लीः देश में प्याज के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। महाराष्ट्र के लासलगांव स्थित प्याज की सबसे बड़ी मंडी में इसकी कीमतों में जोरदार उछाल आया है। हालांकि सरकार ने लगातार बढ़ती आपूर्ति की वजह से दामों में गिरावट को लेकर भरोसा जताया था। लेकिन इसके महज दो दिन बाद यानी सोमवार को लासलगांव मंडी में प्याज की कीमतें 10 फीसदी बढ़ गईं।
प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से जनता परेशान है। सोमवार को प्याज का थोक मूल्य 55.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। यह चार साल का शीर्ष स्तर है। इससे पहले अगस्त की शुरुआत में इसकी कीमत 13 रुपये थी। खुदरा में प्याज की कीमत 20 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 80 रुपये हो चुकी है।
प्याज का दाम जल्दी ही 120 रुपये के स्तर को छू सकता है। खुदरा बाजारों में प्याज की कीमत 70 से 80 रुपये के बीच चल रही है। बात अगर पिछले तीन माह की करें, तो इस अवधि में थोक बिक्री में प्याज के दामों में चार गुना का इजाफ देखा गया है।
इस संदर्भ में कारोबारियों का कहना है कि बीते वर्ष प्याज का बहुत कम उत्पादन हुआ था। इसलिए इसमें बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बेमौसम बारिश की वजह से प्याज की फसल प्रभावित हुई है। इसके अतिरिक्त कारोबारियों ने सरकार की प्रतिकूल नीतियों को इसका जिम्मेदार ठहराया है।
Bhopal: Prices of onions have soared high in the market, a vegetable vendor (pic 4) says,”There is supply crunch of vegetable as rains have destroyed crops. We are selling onions at Rs 80. Price of onions is expected to go up to Rs 120.” #MadhyaPradesh pic.twitter.com/7CEWPA5r56
— ANI (@ANI) November 6, 2019
वहीं लासलगांव की कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के अध्यक्ष जयदत्त होल्कर ने कहा है कि अक्तूबर और नवंबर में बेमौसम वर्ष हुई है, जिसकी वजह से खरीफ में बोई गई फसलों को नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक सहित दक्षिण भारतीय राज्यों में बोई गई शुरुआती किस्म की प्याज आवक को नुकसान पहुंचा है। यही कारण है, जिसकी वजह से बाजार में नई किस्म की प्याज आपूर्ति वहीं है।