नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बातचीत की। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच ऋण मुद्दे पर चर्चा हुई।
पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बातचीत की। शहबाज शरीफ ने एक बिजनेस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने ऋण के मुद्दे पर चर्चा की।
बता दें कि बाढ़ पीड़ितों के लिए आयोजित जेनेवा कार्यक्रम के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और आईएमएफ प्रमुख की आमने-सामने बैठक होने वाली है लेकिन इस बैठक के पहले ही दोनों नेताओं की बातचीत हुई।
प्रतिनिधिमंडल को पाक भेजे IMF
उन्होंने बताया कि मैंने आईएमएफ से कहा है कि हम अपनी जनता पर अधिक बोझ नहीं डाल सकते। मैंने यह भी आग्रह किया कि आईएमएफ को बातचीत के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान भेजना चाहिए। हालांकि शहबाज शरीफ ने बाद में यह बताया कि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए अगले तीन या चार दिनों में प्रतिनिधिमंडल आ सकता है।
नई किस्त देने दिया था इनकार
आईएमएफ ने पाकिस्तान को पहले से सहमत ऋण की नई किस्त जारी करने से इनकार कर दिया। क्योंकि पाकिस्तान अपने वादे पर खरा नहीं उतरा था। जिसकी वजह से पाकिस्तान को और अधिक धन नहीं मिल पाया। दरअसल, साल 2019 की शुरुआत में आईएमएफ कार्यक्रम पर सहमति बनी थी। ऐसे में शहबाज शरीफ ने इस गतिरोध को समाप्त करने का आग्रह किया है। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच पिछले साल 18 नवंबर को कई दौर की बातचीत हुई थी।
इससे पहले शहबाज शरीफ ने कहा था कि नकदी की कमी से जूझ रही अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए उनकी सरकार के पास आईएमएफ के कार्यक्रम को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।