नई दिल्ली [ TNN ] प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि भारतीय मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, जबकि उन्हीं की पार्टी के सहयोगी संगठन विश्च हिंदू परिषद (विहिप) ने गरबा में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गरबा का आयोजन नवरात्रि के अवसर पर किया जाता है। इस वर्ष ये त्योहार 25 अक्टूबर शुरू हो रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने गुजरात में मुस्लिमों को आदेश दिया है कि वे गरबा के पांडलों में प्रवेश न करें।
गुजरात में विहिप का ऐसा आदेश देना, इस मायने भी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री मोदी उसी राज्य से आते हैं और वह 13 साल तक वहां मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
अब तक गरबा की छवि एक ऐसे सांस्कृतिक आयोजन की रही है, जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों की बराबर की भागीदारी रही है।
विहिप के आदेश को संगठन के ही अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया के उस आदेश से जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने मुस्लिमों को गरबा पांडालों में प्रवेश न करने की हिदायत दी थी।
इससे पहले इंदौर की भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने भी गरबा पांडलों में मुस्लिमों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि गरबा पांडालों में मुस्लिमों के आने से ‘लव जिहाद’ की घटनाएं हो रही हैं।
माना जा रहा है कि विहिप के आदेश का सबसे ज्यादा असर गोधरा में दिख सकता है। विहिप ने गरबा पांडलों में मुस्लिमों को प्रवेश रोकने के लिए ‘हिंदू अस्मिता हितरक्षक समिति’ नाम से एक संगठन भी बनाया है।
उस समिति में युवाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें मुस्लिमों की पहचान करने के विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
उस समिति के एक सदस्य जैमिन शाह ने कहा कि मुस्लिमों को भारत की सभी चीजों से परेशानी होती है। उन्हें राष्ट्र गान और देश के झंडे से भी दिक्कत होती है तो वे गरबा में क्यों शामिल होना चाहते हैं।
गोधरा में विहिप के नेता आशीष भट्ट का इस मुद्दे पर कहना है कि हमारी महिलाएं, पत्नियां, बेटियां और बहने गरबा में शामिल होती हैं। ये एक धार्मिक कार्यक्रम है। मुस्लिम लड़के वहां क्या करेंगे?