नई दिल्ली- दिल्ली हाई कोर्ट में आज जनहित याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका सजायाफ्ता नेताओं को जीवन भर के लिए चुनाव ना लड़ने देने की मांग को लेकर दायर की गई है। जानकारी अनुसार याचिका में कहा गया है कि किसी भी लोक सेवक को एक हफ्ते के लिए भी सजा हो जाती है, तो उनको आजीवन नौकरी से निकाल दिया जाता है। ऐसे में नेताओं को भी सजा होने पर जीवन भर के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए।
बता दें कि हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के यहां याचिका वकील और बीजेपी के प्रवक्ता अश्वनी उपाध्याय की और से दाखिल की गई है। उन्होंने जनप्रतिनिधि कानून की धारा 9 और 8 को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर अगली सुनवाई 16 सितंबर तय की है। फिलहाल किसी को सजा होने पर महज 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रावधान है।
याचिका में चुनाव लड़ने की योग्यता तय करने को कहा गया है। हाई कोर्ट में दाखिल इस याचिका में चुनाव लड़ने वाले नेताओं की न्यूनतम योग्यता तय करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि देश में चपरासी बनने के लिए भी न्यूनतम योग्यता तय है, जबकि उनको कोई पढ़ाई-लिखाई का काम नहीं करना होता है।
याचिका में सवाल किया गया है कि सांसद और विधायक बनने के लिए योग्यता तय क्यों नहीं की गई है, जबकि उन्हें कानून बनाना होता है। याचिका में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 को रद्द करने की मांग की गई है। इस धारा के तहत ही नेताओं को बिना किसी शैक्षणिक योग्यता के चुनाव लड़ने का प्रावधान है।