प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने। यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत अगर मित्रता निभाना जानता है, तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।
रविवार को ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाल ही में, दुनिया ने अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत की प्रतिबद्धता को देखा है।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो आंख में आंख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है।
वहीं, प्रधानमंत्री ने लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हुए जवानों को याद किया।
उन्होंने कहा कि लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है।
पीएम ने कहा कि पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक है। इन साथियों के परिवारों की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोने का दर्द भी अनुभव कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने। यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।
पीएम ने कहा कि जिन परिवारों ने सीमा पर लड़ते हुए अपने बेटों को खो दिया, वे अभी भी अपने अन्य बच्चों को रक्षा बलों में भेजना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे देशवासियों की भावना और बलिदान आदरणीय है।
गौरतलब है कि लद्दाख की गलवां घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
शहीद हुए जवानों में कर्नल रैंक के एक अधिकारी भी शामिल थे। वहीं, इस झड़प में चीन के भी 40 के करीब सैनिक हताहत हुए थे।
इस घटना के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव अपने चरम पर है। भारत ने सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब पूरे सेक्टर में एडवांस क्विक रिएक्शन वाला सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किया है, जो चीन के किसी भी फाइटर जेट को कुछ सेकंड में ही तबाह कर सकता है।
इसके अलावा सीमा पर भारत ने होवित्जर तोपों, पैदल सेना के वाहनों और करीब 10 हजार अतिरिक्त सैनिकों की भी तैनाती की है।
वायुसेना ने मल्टीरोल कॉम्बैट मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान तैनात किए हैं, जो नियमित रूप से आसमान में गश्त कर रहे हैं।